भारत की ताकत एकता की सच्चाई में निहित'; भागवत बोले- जो अपनी रक्षा नहीं करते उन्हें भगवान भी...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की ताकत एकता की सच्चाई में निहित है, जो सफल और विजयी है। हिंदू जीवन शैली सभी मुद्दों का समाधान प्रदान करती है और दुनिया में परम शांति लाती है।
आरएसएस प्रमुख यहां बदयांबदी में संगठन की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस हिंदू समाज को एकजुट कर रहा है और धर्म की रक्षा के माध्यम से दुनिया को सार्थक समाधान प्रदान कर रहा है। संघ प्रमुख ने कहा कि परिवर्तन केवल अवतारों के आने से नहीं होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग अपनी रक्षा नहीं कर पाते, उन्हें भगवान भी नहीं बचा सकते। उन्होंने पूछा, हम भारत की संतान हैं। यदि हमारी मातृभूमि लाखों बच्चों के होते हुए भी कमजोर हो जाती है, तो हमारा कर्तव्य क्या है?
संघ प्रमुख ने कहा, अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए हमें ताकत की जरूरत है, ताकत को प्रभावी बनाने के लिए हमें अनुशासन और ज्ञान की जरूरत है। परिस्थितियों की परवाह किए बिना दृढ़ संकल्प और उद्देश्य की अटूट भावना आवश्यक है। ऐसे मानव विकास को बढ़ावा देना ही आरएसएस का मुख्य मिशन है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी विचारधाराएं आनंद का वादा करती हैं चाहे वह भौतिकवाद के माध्यम से हो या अन्य प्रणालियों के माध्यम से। ज्ञान ने सुविधाएं तो बढ़ा दी हैं, लेकिन असली खुशी मायावी बनी हुई है। भारतीय दर्शन सभी को एकजुट करता है। यह समाज, व्यक्ति और सृष्टि में सामंजस्य स्थापित करके उन्हें सर्वशक्तिमान की ओर ले जाता है। यह मन, बुद्धि और शरीर को एकीकृत करके मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लाभ के लिए एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। इसकी विशिष्ट विशेषता अद्वितीय सांस्कृतिक एकता है जो विविधता को गले लगाती है। यह वह भूमि है जहां लोग काशी से गंगा जल लाते हैं और उसे रामेश्वरम में चढ़ाते हैं। कलाडी में पैदा हुए आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में मठों की स्थापना करके इस एकता को मजबूत किया।