नए मोबाइल में अब अनिवार्य होगा ‘संचार साथी’: 90 दिन में सभी कंपनियों को प्री-लोड करना पड़ेगा साइबर सुरक्षा ऐप

Update: 2025-12-01 18:36 GMT


दूरसंचार मंत्रालय ने देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को निर्देश दिया है कि अगले 90 दिनों के भीतर बाजार में आने वाले हर नए मोबाइल फोन में सरकारी साइबर सुरक्षा ऐप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल होना चाहिए। इतना ही नहीं, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यूजर इस ऐप को फोन से हटा न सकें।

सरकार ने मौजूदा मोबाइल फोनों में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप इंस्टॉल कराने पर जोर दिया है। मंत्रालय के अनुसार नकली या डुप्लिकेट IMEI नंबर देश की टेलीकॉम व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं, जिससे साइबर धोखाधड़ी, नेटवर्क दुरुपयोग और अपराधों में वृद्धि हुई है।

हालांकि, सरकारी निर्देशों को निजता समर्थक संगठनों और टेक कंपनियों ने आपत्तियों के साथ लिया है। इससे पहले भी एंटी-स्पैम ऐप को लेकर एपल, सैमसंग, विवो, ओप्पो और शाओमी जैसी कंपनियां विरोध जता चुकी हैं। डिजिटल अधिकार विशेषज्ञ मिशी चौधरी ने कहा कि यह कदम यूजर की सहमति को नजरअंदाज करता है, जो चिंता का विषय है। वहीं काउंटरप्वाइंट के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि ऐप को अनिवार्य करने की बजाय यूजर्स को इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि सुरक्षा और निजता दोनों का संतुलन बना रहे।

संचार साथी ऐप एक केंद्रीय रजिस्ट्री आधारित एप है, जो यूजर को संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करने, IMEI नंबर चेक करने और चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है। यह फर्जी मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करने में भी मदद करता है। सरकार का दावा है कि यह ऐप साइबर खतरे रोकने और चोरी के फोन ढूंढने में बेहद उपयोगी साबित हुआ है। अभी यह ऐप एपल और गूगल स्टोर पर स्वैच्छिक डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, लेकिन अब नए मोबाइल में इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।

हर मोबाइल फोन में 14 से 17 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान यानी IMEI कहा जाता है। चोरी या गुम होने की स्थिति में इसी नंबर के जरिए फोन की नेटवर्क पहुंच बंद की जा सकती है और लोकेशन ट्रैकिंग जैसी कार्रवाइयां संभव होती हैं।

Similar News