कांग्रेस का SIR पर हल्लाबोल, रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को बड़े कार्यक्रम की तैयारी, BJP ने जताई आपत्ति
नई दिल्ली कांग्रेस पार्टी वोट चोरी और एसआईआर के खिलाफ लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है। इसी कोशिश के तहत कांग्रेस पार्टी 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन करने जा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि लोगों का वोट देने का संवैधानिक अधिकार छीना जा रहा है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और दावा किया कि इंडी गठबंधन के सहयोगी भी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ नहीं हैं।
कांग्रेस का चुनाव आयोग पर निशाना
कांग्रेस की रैली पर तेलंगाना कांग्रेस के नेता वी हनुमंता राव ने कहा कि '65 लाख मत चोरी कर लिए गए, लेकिन चुनाव आयोग ने इसकी जांच भी नहीं कराई। यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां रामलीला मैदान में रैली करेंगी। राहुल गांधी भी इस रैली में शामिल होंगे और देशवासियों को बताएंगे की देश में किस तरह से बेईमानी हो रही है। बाबा साहेब आंबेडकर ने लोगों को जो अधिकार दिए, उन्हें लागू नहीं किया जा रहा। लोगों को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए। वोट चोर, गद्दी छोड़ की बैठक सफल होगी। एनडीए सरकार को अपनी आंखें खोलनी चाहिए।'
'कांग्रेस के साथी कह रहे कांग्रेस चोर, इंडी गठबंधन तोड़'
कांग्रेस के 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में एसआईआर के मुद्दे पर बड़ी रैली करने को लेकर भाजपा ने कहा कि एसआईआर सिर्फ एक बहाना और चुनाव आयोग को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, 'एसआईआर तो एक बहाना है। परिवार को हार से बचाने के लिए चुनाव आयोग को निशाना बनाया जा रहा है। यह वही कांग्रेस है जिसने महाराष्ट्र में एसआईआर का समर्थन किया था, इसे तुरंत लागू करने की मांग की थी, फिर भी बंगाल और बिहार में कांग्रेस पार्टी एसआईआर पर अलग स्टैंड लेती है। वे एसआईआर का विरोध करते हैं, लेकिन बिहार में एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कोई अपील या शिकायत फाइल नहीं की गई है।'
पूनावाला ने कहा कि 'कांग्रेस के नेता भी इस वोट चोरी की बात पर यकीन नहीं करते। तारिक अनवर और दूसरे लोग इसे गलत बताते हैं, उनका दावा है कि टिकट चुराए गए थे, वोट नहीं। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को पहले अपने नेताओं और अपने साथियों को समझाना चाहिए। इस रैली में भी, इंडी गठबंधन का कोई पार्टनर शामिल नहीं हो रहा है। कांग्रेस कह रही है, 'वोट चोर, गद्दी चोर', लेकिन कांग्रेस के साथी कह रहे हैं, 'कांग्रेस चोर, इंडी गठबंधन तोड़'।'