नए साल में एआई से कटेगा टोल, मल्टी लेन फ्री फ्लो सिस्टम लागू.

Update: 2025-12-17 18:02 GMT

नई दिल्ली  राज्यसभा में बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि बहु लेन निर्बाध परिवहन (एमएलएफएफ) टोल प्रणाली और एआई-संचालित राजमार्ग प्रबंधन देश भर में 2026 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके लागू होने के बाद ये प्रौद्योगिकी यात्रियों के लिए टोल नाके पर प्रतीक्षा समय को समाप्त कर देंगी।

 केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि साल 2026 के अंत तक देशभर के नेशनल हाईवे पर मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोल सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इस अत्याधुनिक एआई आधारित तकनीक के आने से टोल बूथों पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए गडकरी ने कहा कि नयी तकनीक एआई-आधारित होगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों को अब टोल नाके पर अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।

गडकरी ने बताया कि नई व्यवस्था में सैटेलाइट और नंबर प्लेट पहचान तकनीक का इस्तेमाल होगा, जिससे वाहन 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टोल क्षेत्र पार कर सकेंगे। इससे सालाना 1,500 रुपये करोड़ के ईंधन की बचत होगी और सरकारी राजस्व में 6,000 रुपये करोड़ की बढ़ोतरी की उम्मीद है। इस पारदर्शी प्रणाली से टोल चोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी तथा यात्रा समय में भारी कमी आएगी।

देश में 574 एनएच प्रोजेक्ट की रफ्तार बहुत धीमी: गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि देश में 574 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं अपनी तय समय सीमा से पिछड़ गई हैं। 3.60 लाख करोड़ रुपये वाली इन परियोजनाओं में से 300 प्रोजेक्ट एक साल से कम, जबकि 21 प्रोजेक्ट तीन साल से अधिक की देरी से चल रहे हैं। देरी का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण में बाधाएं और वन विभाग से मिलने वाली मंजूरियां बताई गई हैं। हालांकि, सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 10,000 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अक्तूबर तक 3,468 किमी का काम पूरा हो चुका है। सड़क सुरक्षा पर डाटा साझा करते हुए गडकरी ने बताया कि देश में वाहनों की संख्या के अनुपात में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की दर में कमी आई है।

हादसे के 10 मिनट में पहुंचेगी एंबुलेंस

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर चिंता जताते हुए बड़ी घोषणा की है। केंद्र सरकार अब राज्यों को आधुनिक एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। बशर्ते वे दुर्घटना के 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचें। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि समय पर इलाज मिलने से सालाना 50,000 जानें बचाई जा सकती हैं। इसके साथ ही घायलों की मदद करने वाले राहवीरों को 25,000 रुपये का इनाम भी दिया जाएगा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 10-15 दिनों में जनता के लिए खुलेगा

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को अगले 10 से 15 दिनों के भीतर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली से देहरादून की यात्रा का समय मौजूदा करीब साढ़े छह घंटे से घटकर लगभग दो घंटे रह जाएगा।

राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने बताया कि उन्होंने 212 किलोमीटर लंबे, छह लेन वाले एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा है। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और बहुत जल्द यातायात शुरू किया जाएगा। करीब 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एक्सप्रेसवे को चार खंडों में विकसित किया गया है। यह मार्ग दिल्ली में अक्षरधाम के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से शुरू होकर शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे इंटरचेंज, बागपत, शामली और सहारनपुर होते हुए उत्तराखंड के देहरादून तक जाता है।

वन्यजीवों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया

गडकरी ने बताया कि पूरे कॉरिडोर में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं। गणेशपुर से देहरादून तक का हिस्सा वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड, छह पशु अंडरपास, दो हाथी अंडरपास, दो बड़े पुल और 13 छोटे पुल शामिल हैं। इस परियोजना को वर्ष 2020 में मंजूरी मिली थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2021 में इसका शिलान्यास किया था।

Tags:    

Similar News