यूआईडीएआई ने 2 करोड़ से ज्यादा मृतकों की आधार आईडी बंद की, परिवारों से सूचना देने की सलाह
नई दिल्ली भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देशभर में डाटाबेस की अब तक की सबसे बड़ी सफाई करते हुए मर चुके 2 करोड़ से अधिक लोगों के आधार आईडी बंद कर दी। यूआईडीएआई ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया, राज्य और यूटी प्रशासन, लोक वितरण प्रणाली और राष्ट्रीय सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम समेत कई सरकारी चैनलों से मौतों का डाटा लिया।
इलेक्ट्रानिक मंत्रालय ने कहा कि यूआईडीएआई मरे हुए लोगों की जानकारी तक पहुंच को मजबूत करने के लिए वित्तीय संस्थानों और दूसरी कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावना भी तलाश रहा है। यूआईडीएआई ने कहा, हालांकि आधार नंबर कभी किसी दूसरे व्यक्ति को दोबारा नहीं दिए जाते, लेकिन मौत के बाद आईडी को बंद करना पहचान में धोखाधड़ी या कल्याण योजना के लाभ के लिए आधार के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है। अनऑथराइज़्ड इस्तेमाल को रोकने के लिए जरूरी है।
इस पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यूआईडीएआई ने इस साल की शुरुआत में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिये दर्ज मौतों के लिए माय आधार पोर्टल पर परिवार के किसी सदस्य की मौत की रिपोर्टिंग सेवा शुरू की। बाकी इलाकों के लिए एकीकरण का काम चल रहा है। परिवार के सदस्य पोर्टल पर खुद को सत्यापित कर उनके यहां मरे हुए व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण नंबर और डेमोग्राफिक विवरण साझा कर सकते हैं। यूआईडीएआई इस जानकारी की जांच करता है और उसके बाद आईडी बंद कर देता है।