देवउठनी एकादशी से फिर गूंजी शहनाइयों की रौनक, 2025-26 में इतने ही मिलेंगे विवाह के शुभ मुहूर्त

Update: 2025-11-23 00:52 GMT



भीलवाड़ा। देवउठनी एकादशी के साथ ही शादी-विवाह और मांगलिक कार्यों का शुभ समय वापस लौट आया है। पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में कुल 78 विवाह योग्य मुहूर्त मिलेंगे, जबकि साल 2026 में यह संख्या घटकर 63 रह जाएगी।

दिसंबर 2025 के बाद शुभ मुहूर्त कुछ समय के लिए रुक जाएंगे। जनवरी 2026 में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा, क्योंकि इस दौरान शुक्र ग्रह अस्त रहेगा, जो विवाह का प्रमुख कारक माना जाता है। हालांकि, 23 जनवरी को बसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य कराए जा सकेंगे।

4 फरवरी से फिर शुरू होंगे शुभ लग्न

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 4 फरवरी 2026 से दोबारा शुभ विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।

फरवरी से दिसंबर 2026 तक मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे—

फरवरी: 7 दिन

मार्च: 7 दिन

अप्रैल: 8 दिन

मई: 11 दिन

जून: 9 दिन

जुलाई: 8 दिन

नवंबर: 7 दिन

दिसंबर: 6 दिन

25 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होगा। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। इसके बाद 20 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के साथ चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य फिर शुरू हो सकेंगे।

2026 बनेगा विशेष वर्ष, क्योंकि रहेगा अधिकमास

आगामी साल 2026 अधिकमास वर्ष रहेगा, जिसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस वर्ष:

सामान्य 12 की बजाय 13 महीने होंगे

दो ज्येष्ठ माह पड़ेंगे

अधिकमास 17 मई से 15 जून तक रहेगा

अधिकमास हर तीन साल में एक बार पड़ता है और यह सौर व चंद्र वर्ष के अंतर को संतुलित करने का कार्य करता है। इसलिए 2026 में शुभ कार्यों के लिए अधिक समय मिलेगा और विवाह समारोहों की रौनक भी बढ़ेगी।

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2026 के विवाह मुहूर्त—यहाँ बजेंगी शहनाइयां

फरवरी – 5, 6, 10, 13, 19, 20, 21

मार्च – 4, 5, 7, 9, 10, 11, 12

अप्रैल – 19, 20, 21, 25, 26, 28, 29, 30

मई – 1, 3, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 12, 13, 14

जून – 19, 20, 22, 23, 24, 26, 27, 28, 29

जुलाई – 1, 4, 6, 7, 8, 9, 11, 12

नवंबर – 20, 21, 22, 24, 25, 26, 30

दिसंबर – 2, 3, 4, 5, 11, 12

 

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