नवजात बच्चे में इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, गभीर बीमारियों का हो सकता है संकेत
नवजात शिशु की देखभाल में किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है. क्योंकि नवजात बहुत ही नाजुक होता है. उसकी केयरिंग करना बहुत जरूरी होता है.छोटे बच्चों की हरकत और बदलाव पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.थोड़ा बहुत भी इधर उधर होने पर नवजात में समस्या बढ़ने का खतरा बना रहता है. ऐसे में नवजात पर ध्यान देना सबसे आवश्यक है. कई बार कुछ छोटे-छोटे लक्षणों को इग्नोर कर देते हैं जिससे वह बड़ी और गंभीर बीमारी का संकेत दे सकते हैं. जैसे बच्चा बहुत ज्यादा नींद में रहता है, दूध नहीं पी रहा या बार-बार बहुत कमजोर महसूस हो रहा है, तो यह चिंता की बात हो सकती है.
अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखें, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उसकी समस्या ठीक करने पर फोकस करें. आइए डॉक्टर से जानते हैं नवजात में होने वाली समस्याओं को कैसे ठीक करें.
डॉक्टर से जानें क्या करें?
यशोदा अस्पताल में वरिष्ठ नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दीपिका रस्तोगी कहती हैं कि अगर बच्चे को बुख़ार है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. खासकर तब जब बुखार 100 डिग्री से अधिक हो. यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है. खासतौर पर जन्म के पहले महीने में यह बहुत खतरनाक हो सकता है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके अलावा बच्चे को अचानक से अधिक प्यास लगने लगे तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करना चाहिए. इसके अलावा कई और कारण होने पर डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए.
सांस लेने में दिक्कत
अगर बच्चा बहुत तेजी से सांस ले रहा है, उसकी नाक के पास से सीटी जैसी आवाज आ रही है या सांस लेते वक्त नथुने फूल रहे हैं तो यह निमोनिया या दूसरी फेफड़ों से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. ऐसे में देरी न करें और डॉक्टर के पास जाएं.
बार-बार उल्टी होना
अगर बच्चा हर बार दूध पीने के बाद उल्टी कर रहा है या उसकी उल्टी का रंग हरा है तो यह किसी आंतों की समस्या का संकेत हो सकता है. लगातार उल्टी से डिहाइड्रेशन का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से मिलें.
झटके आना या शरीर अकड़ जाना
अगर बच्चा बार-बार झटके खा रहा है अचानक आंखें गोल-गोल घुमा रहा है या उसका शरीर एकदम टाइट हो रहा है तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं.
बहुत ज्यादा रोना या बिल्कुल न रोना
अगर बच्चा लगातार रो रहा है और किसी भी तरीके से चुप नहीं हो रहा या फिर बिलकुल शांत पड़ा है और रो भी नहीं रहा तो यह किसी तकलीफ का संकेत हो सकता है.
पेशाब और मल में दिक्कत
अगर बच्चा 24 घंटे में एक भी बार पेशाब नहीं कर रहा मल का रंग सफेद या काला दिख रहा है या बहुत ज्यादा कब्ज हो रहा है तो यह पाचन या किडनी की समस्या हो सकती है.