गोगुंदा में छह साल की बच्ची का शिकार करने वाला ‘नरभक्षी’ पैंथर पकड़ाया
उदयपुर। जिले में एक और ‘नरभक्षी’ पैंथर पकड़ा गया है। गोगुंदा क्षेत्र के मजावद ग्राम पंचायत के कुंडाऊ गांव में छह साल की बच्ची का शिकार करने वाला पैंथर शनिवार तड़के नाले के किनारे लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया। इसके बाद मौके पर मौजूद वनकर्मी उसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले गए। बता दें कि इस क्षेत्र में यह तीसरा पैंथर है, जिसे पकड़ा गया है। तीन पैंथरों के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
गोगुन्दा के क्षेत्रीय वन अधिकारी अर्जुन लाल मीणा ने बताया कि छह साल की बच्ची का शिकार करने वाले पैंथर की गुरुवार रात को फोटो ट्रैप कैमरे में गतिविधियां नजर आई थी। जिसके आधार पर वन विभाग ने पिंजरों की जगह बदली। घटना स्थल से कुछ दूर ऊंचाई पर भी पिंजरे रखवाए गए हैं। विभाग दस कैमरों के जरिए पैंथर के मूवमेंट पर नजर रखी।
उसे पकड़ने के लिए मांस की गंध वाले पानी का छिड़काव कर चार पिंजरे लगाए गए हैं। हालांकि, शुक्रवार को दिनभर वन विभाग को कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन, शनिवार तड़के आदखोर पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। इसके बाद टीमों ने उसे पिंजरे सहित पहाड़ी इलाके से नीचे उतारा और उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ले जाया गया।
पैंथर ने 6 साल की मासूम का किया था शिकार
उदयपुर जिले के कुंडाऊ में बुधवार रात बुधवार रात पैंथर सूरज (6) पुत्री गमेरा पर हमला कर उसे उठा ले गया था। मृत मासूम का शव तीन अलग-अलग हिस्सों में मिला था। उसके एक हाथ का पंजा रात को ही घटना स्थल पर मिल गया था। जबकि बाकी शरीर को पैंथर वापस उठा ले गया था। करीब 18 घंटे बाद गुरुवार सुबह छह वर्षीय मासूम बालिका सूरज का सिर और धड़ घटना स्थल से कुछ दूरी पर अलग-अलग जगह पड़े मिले थे। पैंथर उसका आधा चेहरा और धड़ में से पेट का हिस्सा खा चुका था। इसके बाद पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरे और कैमरे लगाए गए थे।
अब तक पकड़े गए तीन पैंथर
बता दें पिछले दिनों पैंथर के बढ़ते हमलों को देखते हुए चार जिलों की वन विभाग की रेस्क्यू टीमों और आर्मी की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया था। पैरों के निशान से पता चला था कि उमरिया में डेढ़ किमी दायरे में 3 पैंथर का मूवमेंट है। इसके बाद पैंथरों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे। उमरिया के समीप लगाए तीन पिंजरों में से दो पिंजरों में 23 सितंबर की रात दो पैंथर कैद हुए थे। जिन्हें मंगलवार को उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया गया था। अब एक और पैंथर मिलने के बाद वन विभाग कर्मियों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।