चार जिलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक न होने से किसानों को

Update: 2025-10-14 17:26 GMT

 

ब्यावर (अजमेर)। केन्द्रीय सहकारी बैंक (सीसीबी) से संबंधित कार्यों के लिए जिले के करीब **डेढ़ लाख किसान सदस्यों** को चार जिलों—उदयपुर, पाली, अजमेर और भीलवाड़ा—का चक्कर लगाना पड़ रहा है। भीम उपखंड से टूटकर ब्यावर जिले में शामिल हुई बार उपतहसील क्षेत्र के लोगों को तो लगभग **200 किलोमीटर दूर उदयपुर** जाना पड़ता है।

ब्यावर में सहकारी संस्थाएं **वर्ष 1957** से काम कर रही हैं, लेकिन अब तक **सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (सीसीबी)** का गठन नहीं हो सका। नया जिला बनने के बाद भी चार जिलों के क्षेत्र शामिल होने के बावजूद यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

इसके कारण जैतारण और रायपुर के किसानों को पाली, मसूदा और बिजयनगर वाले अजमेर, भीम उपखंड की सात ग्राम पंचायतों के किसानों को उदयपुर और बदनोर वाले किसानों को भीलवाड़ा जाना पड़ रहा है। जबकि जिले की दृष्टि से इन क्षेत्रों के **ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों का रिकॉर्ड** ब्यावर सहकारी कार्यालय में आ चुका है और विधिवत काम शुरू हो चुका है।

सहकारी कार्यालय को **संसाधन और वाहन** नहीं मिलने से प्रभावी निगरानी और देखरेख में भी परेशानी आ रही है, जिससे किसानों को अतिरिक्त समय और खर्च का सामना करना पड़ रहा है।

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