अजमेर में भाजपा नेता की संदिग्ध मौत: परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप, मोर्चरी में धरना देकर की कार्रवाई की मांंग

अजमेर । अजमेर जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात भाजपा नेता गंगाराम रावत (50) की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने से सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शव को जेएलएन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया और हत्या का आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
मृतक के छोटे भाई सेतु सिंह ने बताया कि गंगाराम रावत सोमवार शाम को श्रीनगर पेमेंट लेने के लिए घर से निकले थे। रास्ते में उनकी पत्नी ने कॉल किया तो उन्होंने जल्द घर लौटने की बात कही। लेकिन रात तक वे घर नहीं पहुंचे। जब बेटे हंसराज ने दोबारा फोन किया, तो कॉल किसी अनजान व्यक्ति ने उठाया और बताया कि ग्राम नौलखा के पास एक शव पड़ा है। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो शव गंगाराम रावत का ही था।
परिजन गंगाराम रावत के साथ हुई घटना को साजिशन हत्या बता रहे हैं। सेतु सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव में कावड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ था। गांव में पहले ही यह तय किया गया था कि डीजे नहीं बजाया जाएगा और इस संबंध में गेगल थाने में शिकायत भी दी गई थी। इसके बावजूद कुछ युवकों ने डीजे बजाया और मौके पर गंगाराम रावत द्वारा विरोध जताने पर उन्हें धमकाया गया था। परिजनों का आरोप है कि उन्हीं युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
परिजनों और ग्रामीणों ने मोर्चरी में विरोध करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक नामजद और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। साथ ही गेगल थाने पर भी लापरवाही का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कावड़ यात्रा के दौरान पुलिस समय रहते कार्रवाई कर देती तो यह दुखद घटना नहीं होती।
श्रीनगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि गंगाराम रावत का शव नौलखा गांव में संदिग्ध हालत में मिला था। प्राथमिक जांच में हत्या का संदेह जताया गया है। परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। एफएसएल टीम को बुलाकर घटनास्थल से सबूत जुटाए गए हैं। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया जा रहा है और जांच जारी है।
भाजपा नेता की इस रहस्यमय मौत ने क्षेत्र में रोष और शोक दोनों फैला दिए हैं। ग्रामीणों की एकजुटता और पुलिस से कार्रवाई की सख्त मांग के चलते प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और परिजन न्याय की मांग को लेकर डटे हुए हैं।