योग शास्त्र और उसकी प्रायोगिक प्रासंगिकता विषय पर आधारित द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन
निंबाहेड़ा | श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निंबाहेड़ा एवं राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में योग शास्त्र और उसकी प्रायोगिक प्रासंगिकता विषय पर आधारित द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन सत्र 30 जनवरी को श्री शेषावतार कल्लाजी व सरस्वती पूजन दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ। इस सत्र में सभी आगंतुक मुख्य अतिथियों एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया। इस सत्र में मुख्य अतिथि जेके यूनिट हेड मनीष तोषनीवाल रहे तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर नीरज शर्मा, वैष्णव संप्रदाय के गोविंद गिरी महाराज के समान रूप प्रिय विद्वान राष्ट्रपति सम्मानित युवा ओजस्वी ख्याति प्राप्त प्रोफेसर शर्मा ने आधुनिकता एवं परंपरागत ज्ञान के विषय में अपना वक्तव्य रखा तथा इस सत्र के प्रमुख सारस्वत वक्ता प्रोफेसर संजीब पात्रा ने बताया कि आधुनिक समय में तनाव को योग के माध्यम से किस तरह दूर कर सकते हैं तथा ध्यान किस प्रकार लगा सकते हैं बताया। उन्होंने यह भी बताया कि योग एक हॉलिस्टिक साइंस हैं। प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कैलाशचंद्र मूंदड़ा ने अपने अध्यक्षीय आशीर्वचन में सभी का अभिवादन किया तथा योग परंपरा, जो की प्राचीन परंपरा हैं। इसको पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने की बात की। इसके पश्चात अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए तथा संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में शोध छात्रों द्वारा शोध वाचन का कार्य भी किया गया।