विधायक कृपलानी ने विपक्ष पर शब्दों के बाणों की जमकर की बौछारें

By :  prem kumar
Update: 2025-02-05 13:51 GMT

 निम्बाहेड़ा।

राजस्थान की भाजपा सरकार के सोलहवीं विधानसभा के तीसरे सत्र के आरम्भ राज्यपाल हरिभाऊ किशन राव बागडे के द्वारा दिए गए अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी ने अपने संबोधन के द्वारा शब्दों की जमकर बौछारें की। विधायक कृपलानी ने कहा कि पिछले पांच सालों के शासनकाल में जो कांग्रेस ने किया उसको लोग भूला नहीं पा रहे हैं, जिसका परिणाम हमें विधानसभा चुनाव, उपचुनाव में देखने को मिला। उन्होने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में पेपल लीक, चोरी, डकैती, बलात्कार आदि घटनाओं का ग्राफ बढ़ा हुआ था तथा लॉ एन ऑर्डर की व्यवस्था बिगड़ी हुई थी।

जहां-जहां गुमा गमचा, वहां कांग्रेस का हुआ सफाया- कृपलानी

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के द्वारा माननीय राज्यपाल की उम्र को लेकर जो अभद्र टिप्पणी की, उससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती। कृपलानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के गमचा लहराने पर तंज कसते हुए कहा कि मैं डोटासरा जी से पूछना चाहूंगा कि वे गमचे कहां से लाते हैं, मुझे गमचे की एक गठान मंगवानी है तथा सभी गमचे बंटवा देते हैं, क्योंकि जहां-जहां चुनावों में इन्होने गमचा लहराया वहां कांग्रेस साफ हो गई।

राइजिंग राजस्थान के माध्यम से राज्य का बदलेगा भविष्य- कृपलानी

 राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से राजस्थान एक्सपो प्रमोशन पॉलिसी 2024, राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति 2024, राजस्थान एमएसएमई 2024, राजस्थान एकीकृत क्लस्टर विकास योजना 2024 योजना लागू की गई, इसके माध्यम से आने वाले चार सालों में राजस्थान को भविष्य बदलेगा इसे पूरा हिन्दुस्तान देखेगा। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव घोषणा पत्र में जो घोषणा की थी, उसकी क्रियान्विति हो गई है। जल जीवन मिशन योजना में कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान जमकर हुए भ्रष्टाचार पर तंज कसते हुए शायराना अंदाज में कहा कि जेजेएम योजना में यदि लूट कर नहीं खाते तो आप सामने नहीं बैठे होते उन्होने शायरी के माध्यम से कहा कि 'वक्त कहता है संभल जाओ, कभी वो भी हो जाए जो आपने सोचा ना था' तथा 'पानी से प्यास बुझाई जाती है, पानी से आग बुझाई जाती है, आपके घोटालों की क्या कहूं, पानी के घोटालों ने आपको ही निपटा दिया।'

विधायक कृपलानी ने अपने संबोधन के दौरान विपक्ष को हर मुद्दे पर घेरते हुए अपने शब्दों के बाणों की बौछार की तथा राज्यपाल के अभिभाषण का समर्थन किया।

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