स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त - राज्यपाल

Update: 2025-12-23 11:33 GMT

चित्तौड़गढ़,। मेवाड़ की शौर्यभूमि चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का भव्य शुभारंभ स्वदेशी चेतना, सांस्कृतिक गौरव और आत्मनिर्भर भारत के संदेश के साथ हुआ। सुभाष चौक से इंदिरा गांधी स्टेडियम तक निकली रंग-बिरंगी भव्य शोभायात्रा ने पूरे शहर को स्वदेशी के रंग में रंग दिया, वहीं उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए राज्यपाल  हरिभाऊ बागडे ने कहा कि - जब भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ेगा, तब स्वदेशी भावना स्वतः सशक्त होगी। स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि वीरों, भामाशाहों और स्वाभिमान की भूमि मेवाड़ से स्वदेशी महोत्सव के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का संदेश जाना अत्यंत प्रेरक पहल है। राज्यपाल ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान करते हुए उपस्थित जनसमूह को स्वदेशी का संकल्प भी दिलाया।

राज्यपाल  बागडे ने कहा कि हम स्वदेशी के माध्यम से विदेशी वस्तुओं के गुणवत्तापूर्ण, सस्ते और टिकाऊ विकल्प प्रस्तुत कर विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को समाप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए हमें अपने गौरवशाली इतिहास को स्मरण रखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। एक समय था जब देश को गेहूं आयात करना पड़ता था, लेकिन आज 140 करोड़ जनता का पेट भरने के बाद भी हम अनाज का निर्यात कर पा रहे हैं, यह स्वदेशी की ताकत का प्रमाण है। भारत का विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भी स्वदेशी अवधारणा का ही परिणाम है। 1905 में प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन के 120 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी हमारा पूर्ण स्वदेशी न बन पाना हम सभी के लिए चिंतन का विषय है। आजादी से पूर्व भारतवासियों द्वारा कपास से बने कपड़ों का उपयोग किया कर स्वदेशी का उद्घोष किया था।

स्वागत उद्बोधन में स्थानीय सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी के प्रति समर्पण और प्रेरणा का मूर्त रूप ही चित्तौड़गढ़ में आयोजित यह स्वदेशी महोत्सव है। स्वदेशी से आत्मनिर्भर बनने के मंत्र के साथ आज भारत विश्व पटल पर अपनी सशक्त पहचान बना रहा है। उन्होंने छह दिवसीय इस आयोजन को स्वदेशी भावना को समर्पित बताया।

महोत्सव में राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम दक, सांसद सी.पी. जोशी, यादें माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टांक, निंबाहेड़ा विधायक चंद्र कृपलानी, कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवल रमानी, जिला कलक्टर आलोक रंजन, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, राज्य परियोजना प्रबंधक राजीविका सुनीता चौधरी, रतनलाल गाडरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) प्रभा गौतम, अतिरिक्त जिला कलक्टर (भू-अ.) महावीर कृष्णावत, पुष्कर तेली सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।

स्वदेशी ही आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र : आचार्य बालकृष्ण

राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव के उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पतंजलि पीठ हरिद्वार के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वदेशी के बिना आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना अधूरी है। स्वदेशी केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीयता, आत्मसम्मान और भारतीय गौरव का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि साधना और तप की भूमि चित्तौड़गढ़ में आयोजित यह स्वदेशी महोत्सव देश की स्वदेशी भावना को नई दिशा देने वाला है। महात्मा गांधी से लेकर विनोबा भावे तक के विचारों का सार स्वदेशी है, जो देश को विदेशी शक्तियों और उनके षड्यंत्रों से मुक्त करता है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वदेशी को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर ही हम रोजगार सृजन, आर्थिक सशक्तिकरण और सशक्त राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने स्वदेशी महोत्सव को भव्य और दिव्य बताते हुए इसे राष्ट्र के स्वाभिमान का उत्सव बताया।

स्वागत में भी दिखी स्वदेशी की झलक

उद्घाटन समारोह में अतिथियों का स्वागत आकोला की दाबू प्रिंट से बने उपरणों से किया गया। स्मृति चिह्न के रूप में बस्सी की प्रसिद्ध काष्ठ कला से निर्मित कावड़ भेंट की गई। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार स्वदेशी उत्पादों की किट भी अतिथियों को प्रदान की गई।

भव्य शोभायात्रा से हुआ महोत्सव का शुभारंभ

राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का आगाज सुभाष चौक से इंदिरा गांधी स्टेडियम तक निकली भव्य शोभायात्रा से हुआ। पारंपरिक वाद्ययंत्रों, घोड़े, बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी पर सजी झांकियों ने आमजन को आकर्षित किया। श्री सांवलिया सेठ की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा मार्ग में विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। शोभायात्रा में सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, स्काउट-गाइड, खिलाड़ी, विद्यार्थी, लोक कलाकार, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक सहभागी बने।

अटल जी की पंक्तियां और चित्तौड़ का स्मरण

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने अपने संबोधन का भावपूर्ण समापन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की ओजस्वी कविता की पंक्तियों से किया, जिनमें चित्तौड़गढ़ के जौहर, त्याग और अमर बलिदान का स्मरण है। अटल जी की पंक्तियों - “अकबर के पुत्र से पूछो, क्या याद है तुम्हें मीना बाजार, क्या तुम्हें याद है चित्तौड़गढ़ में जलने वाली आग प्रखर,जब सहस्त्र माताएं तिल-तिल कर जलकर हो गईं अमर’’ का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह आग बुझने वाली नहीं है बल्कि वह आज भी चित्तौड़ की मिट्टी, उसकी रग-रग और जन-जन के संस्कारों में समाई हुई है।

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