गहलोत ने चुनाव आयोग और केंद्रीय एजेंसियों पर साधा निशाना, लोकतंत्र पर जताई चिंता

Update: 2025-07-04 13:12 GMT

जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ चुनाव आयोग के कथित "अशोभनीय व्यवहार" की कड़ी निंदा करते हुए इसे आजादी के बाद पहली बार हुई ऐसी घटना बताया। गहलोत ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग एक निष्पक्ष संस्था है जिसकी जिम्मेदारी है कि वह धैर्य से सभी नागरिकों और राजनीतिक दलों की बात सुने और निष्पक्ष निर्णय ले। गहलोत ने राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र चुनावों को लेकर उठाए गए सवालों का भी जिक्र किया, जिनके उचित जवाब न मिलने पर उन्हें लेख लिखना पड़ा था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का यह व्यवहार किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता और इसका पूरे देश में "भयंकर रिएक्शन" है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों पर भी दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये प्रीमियर संस्थाएं देशहित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन इन पर दबाव के चलते विपक्षी नेताओं के साथ "अन्याय" हो रहा है।

उन्होंने संसद में पेश किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 193 मामलों में से केवल 2 में ही आरोप साबित हो पाए हैं, जो दिखाता है कि लोगों को कितना परेशान किया जा रहा है। गहलोत ने चेतावनी दी कि अगर न्यायपालिका, चुनाव आयोग और नौकरशाही जैसी संस्थाएं दबाव में काम करती हैं, तो लोकतंत्र कमजोर होता जाएगा, जो देश के हित में नहीं है। उन्होंने सत्ता पक्ष से अपील की कि वे विपक्ष की बात सुनें, क्योंकि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष का होना और उसकी बात सुनी जाना आवश्यक है।

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