राजकीय के विद्यार्थियों को मिलेगा नीट-जेईई की मुफ्त कोचिंग का अवसर,सरकार ने फिजिक्सवाला के साथ किया बड़ा समझौता

Update: 2025-11-03 15:10 GMT


जयपुर. राजस्थान के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की है। अब कक्षा 8 से 12 तक के विद्यार्थी नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क ऑनलाइन तैयारी कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने देश की अग्रणी ऑनलाइन शिक्षा संस्था ‘फिजिक्सवाला’ के साथ समझौता (एमओयू) किया है।

डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा संकुल में सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त अनुपमा जोरवाल और फिजिक्सवाला के चीफ एडवाइजर प्रवीण प्रकाश ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

**हर विद्यार्थी के हाथ में डिजिटल क्लासरूम**

समझौते के तहत फिजिक्सवाला संस्था राज्य के विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेगी। ये कक्षाएं ‘हिंग्लिश’ (हिन्दी और इंग्लिश के मिश्रण) में होंगी ताकि विद्यार्थी आसानी से समझ सकें। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों, स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉडल स्कूलों और अन्य राजकीय विद्यालयों के छात्र अब लैपटॉप, मोबाइल या टैबलेट के माध्यम से घर बैठे ही गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई कर सकेंगे।

**मिलेगा फिजिक्सवाला ऐप का फ्री एक्सेस**

विद्यार्थियों को फिजिक्सवाला ऐप पर निःशुल्क एक्सेस दिया जाएगा, जिससे वे अपनी सुविधा अनुसार लेक्चर देख सकेंगे, ऑनलाइन टेस्ट दे सकेंगे और अभ्यास सामग्री का लाभ उठा पाएंगे। किसी भी तकनीकी या शैक्षणिक दिक्कत से बचने के लिए इस कार्यक्रम को जिला शिक्षा अधिकारियों के समन्वय में चलाया जाएगा।

**300 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शिक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे**

फिजिक्सवाला संस्था अगले दो वर्षों में करीब तीन सौ करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की डिजिटल सामग्री, वीडियो लेक्चर और अभ्यास प्रश्न विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इससे नेशनल मीन्स कम मैरिट स्कॉलरशिप (NMMS) परीक्षा की तैयारी में मदद मिलेगी, जबकि 9वीं से 12वीं के विद्यार्थी नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सशक्त तैयारी कर पाएंगे।

**ग्रामीण विद्यार्थियों को मिलेगा समान अवसर**

शिक्षा विभाग का कहना है कि यह समझौता ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को पाटने में अहम भूमिका निभाएगा। अब गांवों के विद्यार्थी भी बड़े शहरों के छात्रों की तरह श्रेष्ठ कोचिंग की सुविधा ले सकेंगे।

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, “यह पहल न केवल डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि हर बच्चे को समान अवसर उपलब्ध कराएगी। अब कोई भी विद्यार्थी संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से दूर नहीं रहेगा।”

राजस्थान सरकार की यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक दूरदर्शी कदम मानी जा रही है, जो हजारों विद्यार्थियों के करियर को नई दिशा देने में सहायक साबित होगी।

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