पुष्कर मेले में घोड़ों ने जमाए ठुमके, विदेशी सैलानियों ने खेली कबड्डी, सरोवर में लगा श्रद्धा का मेला
अजमेर। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला इन दिनों अपने पूरे रंग में है। शनिवार को मेला मैदान में आयोजित घोड़ी नृत्य प्रतियोगिता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ढोल की थाप पर जब राजस्थानी नस्ल के अश्वों ने ठुमके लगाए तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए अश्वपालक अपने घोड़ों को खास तरह से सजाकर लाए थे। 15 घोड़े-घोड़ी की शानदार प्रस्तुतियों ने माहौल को रोमांचक बना दिया। किसी ने दोनों पिछले पांव उठाकर नृत्य किया तो कोई दो पैरों पर खड़ा होकर नाचा। देशी-विदेशी सैलानियों ने इस अनोखे नजारे का जमकर लुत्फ उठाया।
हालांकि पशुपालन विभाग की सख्ती के चलते कार्यक्रम में थोड़ी देर जरूर हुई। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नवीन परिहार ने कम उम्र वाले अश्वों को प्रतियोगिता से बाहर किया और अश्वों के मुंह में बिट के अनुचित प्रयोग पर रोक लगाई। नियमों की जांच के कारण अश्वपालक करीब आधा घंटा आयोजन स्थल पर नहीं पहुंचे। इसके बाद सब कुछ सामान्य हुआ और प्रतियोगिता पूरे जोश से चली।
पवित्र सरोवर में आस्था का सैलाब
शनिवार को कार्तिक शुक्ल एकादशी के मौके पर पुष्कर सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजा-अर्चना की। देव प्रबोधिनी एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के इस शुभ अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने पंचतीर्थ स्नान किया। पंडित कैलाशनाथ दाधीच के अनुसार, इस दिन से भीष्म पंचक का आरंभ होता है। जो श्रद्धालु 5 नवंबर तक पुष्कर सरोवर में स्नान, दान, हवन और पूजन करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
पंडितों के अनुसार, निंबार्क और वैष्णव परंपरा के मतानुसार एकादशी तिथि रविवार सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इस दिन तुलसी विवाह का विधान भी रहेगा। धार्मिक मान्यता है कि इन पांच दिनों में स्वयं ब्रह्मा, सावित्री, गायत्री और 33 करोड़ देवी-देवता पुष्कर में निवास करते हैं।
विदेशी पर्यटकों ने खेले भारतीय खेल
मेला मैदान में शनिवार को आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता ने विदेशी सैलानियों का खूब मनोरंजन किया। आयोजकों ने पहले उन्हें कबड्डी के नियम सिखाए, फिर खेल शुरू हुआ। विदेशी खिलाड़ियों ने पूरी ऊर्जा के साथ भाग लिया, लेकिन अंततः भारतीय टीम ने आसानी से जीत दर्ज की। देशी और विदेशी दोनों टीमों में 12-12 खिलाड़ी चुने गए थे, जिनमें से 7-7 मैदान पर उतरे। खेल के दौरान दर्शकों ने जमकर उत्साह दिखाया।
पुष्कर मेला अब अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे देवउठनी एकादशी से आगे का पंचतीर्थ पर्व बढ़ेगा, वैसे-वैसे श्रद्धा, संस्कृति और पर्यटन का यह संगम और भी रंगीन होता जाएगा।
