ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में छोड़ा टावल

Update: 2024-11-25 09:27 GMT

जोधपुर । कुचामन के सरकारी अस्पताल में एक युवती के साथ बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। युवती की सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टर उसके पेट में टॉवल छोड़ दिया, जिसका पता तीन महीने बाद चला। जोधपुर एम्स के डॉक्टरों ने अब ऑपरेशन करके टॉवल निकाला है। बच्चे के जन्म के समय हुई सर्जरी में डाॅक्टरों की इस कारगुजारी के चलते युवती को 3 महीने तक दर्द से जुझना पड़ा।

घटना एक जुलाई की है जब कुचामन के राजकीय चिकित्सालय में एक युवती की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। डिलीवरी के बाद से ही युवती को तेज पेट दर्द हो रहा था। युवतीने कुचामन के सरकारी और निजी अस्पतालों के अलावा मकराना और अजमेर के अस्पतालों में भी इलाज करवाया, लेकिन किसी को भी उसके दर्द का असली कारण समझ नहीं आया। अजमेर में तो डॉक्टरों ने सिटी स्कैन के बाद पेट में गांठ होना बताया था।

थक हारकर युवती के परिजन उसे लेकर एम्स जोधपुर पहुँचे। एम्स में डॉक्टरों ने सिटी स्कैन किया तो पता चला कि युवती के पेट में कोई बाहरी चीज है। ऑपरेशन करने पर डॉक्टर भी हैरान रह गए। युवती के पेट में 15 गुणा 10 साइज का एक टॉवल था जो आंतों से चिपक गया था।

तीन महीने तक युवती को पता ही नहीं था कि उसके पेट में टॉवल है। इस दौरान उसने कई दर्द निवारक दवाएं खाईं, जिससे उसके शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा है। युवती के पेट में टॉवल होने की वजह से उसकी आंतें भी खराब हो गई हैं और उसे पाचन क्रिया में भी दिक्कत हो रही है। एम्स के डॉक्टरों ने युवती को अगले तीन-चार महीने तक तरल आहार लेने की सलाह दी है।

इस मामले में डीडवाना सीएमएचओ ने जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी गठित की है। लेकिन युवती के परिजन जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने न्याय के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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