दौसा में बादलों का कहर: किसानों के सपने बहा ले गया नालावास बांध

Update: 2025-09-02 12:43 GMT

राजस्थान में बीते 24 घंटे में दौसा जिला सबसे ज्यादा भीगा। यहां 177 मिमी बारिश दर्ज हुई। लेकिन इस बारिश ने जहां शहर-गांव को तरबतर किया, वहीं लालसोट क्षेत्र के किसानों पर कहर बनकर टूटी।

ग्रामीणों की मेहनत और लगभग 50 लाख रुपये की लागत से बना नालावास का कच्चा बांध सोमवार रात मूसलाधार बारिश के दबाव को झेल न सका और टूट गया। लाखों लीटर पानी के साथ किसानों की उम्मीदें भी बह गईं।

जन सहयोग से बना ‘उम्मीदों का बांध’

गांववालों ने अपने स्तर पर जल संकट से लड़ने के लिए यह कच्चा बांध तैयार किया था। 250 फीट लंबा और 35 फीट ऊंचा यह बांध भरते ही किसानों को भरोसा था कि अब एक दर्जन गांवों में जलस्तर सुधरेगा और खेतों को संजीवनी मिलेगी। लेकिन बारिश ने एक ही रात में इस सपने को ढहा दिया।

झिलमिली और रानोली बांध से बढ़ा दबाव

झिलमिली बांध के लगातार ओवरफ्लो होने से रानोली बांध भर गया और उसका अतिरिक्त पानी नालावास बांध में आ गया। रात की तेज बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। पानी का दबाव बढ़ा और बांध की पाल आखिरकार टूट गई। पानी बहता हुआ सुमेल गांव के पक्के बांध तक पहुंचा और वहां से मोरेल नदी में समा गया।

किसानों के सपनों पर बारिश का प्रहार

गांववालों की आवाज़ में दर्द साफ झलक रहा है। उनका कहना है कि यह बांध सिर्फ पानी का स्रोत नहीं था, बल्कि उनकी मेहनत, सपनों और भविष्य का आधार था। उन्हें यकीन था कि इससे खेत लहलहाएंगे और जल संकट से मुक्ति मिलेगी। लेकिन एक ही बरसात ने सब कुछ मिट्टी में मिला दिया।

 

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