उदयपुर में 5 करोड़ की ऑनलाइन सट्टेबाजी का पर्दाफाश, दुबई से ऑपरेट हो रही थी मास्टर आईडी

Update: 2025-07-17 17:47 GMT

 

उदयपुर शहर की प्रतापनगर थाना पुलिस ने गुरुवार को एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसकी कुल राशि करीब 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह सट्टा नेटवर्क दुबई से संचालित हो रहा था और उदयपुर में हाई-प्रोफाइल तरीके से चलाया जा रहा था।पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देश पर थाना अधिकारी राजेंद्र सिंह चरण के नेतृत्व में विशेष टीम ने देबारी क्षेत्र स्थित आर्ची गैलेक्सी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 807 पर छापा मारा। इस कार्रवाई में सात युवकों को मौके पर गिरफ्तार किया गया, जो लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन सट्टा संचालित करते पाए गए।मौके से पुलिस ने चार लैपटॉप, 23 मोबाइल फोन, 19 एटीएम कार्ड, पांच बैंक पासबुक, चैकबुक और 26 पन्नों का विस्तृत हिसाब-किताब जब्त किया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी दुबई में बैठे सरगना के निर्देश पर एक ऑनलाइन बेटिंग साइट की मास्टर आईडी से सट्टेबाजी कर रहे थे।

एसपी योगेश गोयल ने बताया कि थाना अधिकारी राजेंद्र सिंह चरण के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने देबारी क्षेत्र स्थित आर्ची गैलेक्सी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 807 पर छापा मारा. मौके से सात युवकों को गिरफ्तार किया गया जो लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे. मौके से पुलिस ने चार लैपटॉप, 23 मोबाइल फोन, 19 एटीएम कार्ड, पांच बैंक पासबुक, चेकबुक और 26 पन्नों का विस्तृत हिसाब-किताब जब्त किया है.

कैसे करते थे सट्टेबाजी? : प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी दुबई में बैठे सरगना के आदेश पर एक विशेष ऑनलाइन बेटिंग साइट की मास्टर आईडी से सट्टेबाजी कर रहे थे. ग्राहकों से संपर्क के लिए सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और मोबाइल एप्स का इस्तेमाल होता था. उन्हें उप-आईडी बनाकर सट्टा खेलने की सुविधा दी जाती थी. हर दिन लाखों रुपये का लेन-देन किया जा रहा था.



आरोपी सचिन पिता अनिल निवासी एमपी, नवीन पिता ओमप्रकाश निवासी जोधपुर, ओम नारायण पिता जगदीश चन्द्र निवासी राजसमंद, कश्यम पिता अरविंद निवासी पाली, अयज पिता जगदीश चन्द्र निवासी राजसमंद, महेश पिता अर्जुनराम निवासी जोधपुर और अभिषेक पिता अशोक निवासी एमपी को गिरफ्तार किया है।

 जांच जारी, नेटवर्क कई राज्यों तक फैला होने की आशंका : पुलिस अब इस ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. बैंक खातों, मोबाइल और लैपटॉप की तकनीकी जांच कराई जा रही है. संभावना है कि यह रैकेट केवल उदयपुर ही नहीं, बल्कि राजस्थान के अन्य जिलों और राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है.आरोपियों में उदयपुर, नागौर, सतना और डीडवाना के युवक शामिल हैं. जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क का संचालन मोहित पाहुजा कर रहा था, जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ग्राहकों को जोड़कर फर्जी खातों और क्यूआर कोड से लेनदेन करवाता था.

 

Tags:    

Similar News