नाथद्वारा नगर पालिका में परिसीमन कर राजस्व गांवो को सम्मिलित नहीं करने हेतू दिया ज्ञापन

By :  prem kumar
Update: 2025-02-05 15:42 GMT

 नाथद्वारा नगर में आज नाथद्वारा नगर पालिका में परिसीमन कर राजस्व गांवो को सम्मिलित किया गया जिसको लेकर सम्बंधित ग्राम पंचायत के सरपंचों के नेतृत्व में समस्त ग्रामवासी डिंगेला, गोपाकुंआ, ग्राम पंचायत उथनोल, निचली ओडन गुंजोल, कुचौली जोशियों की मादड़ी, पानेरीयो की मादड़ी के सैकडो की तादात में महिला पुरुषों का हुजूम तहसील कार्यालय पहुंचा जहां पर राज्यपाल के नाम पर परिसीमन में राजस्व ग्राम को नगरपालिका नाथद्वारा में सम्मिलित नही करने हेतु ज्ञापन दिया गया जिसमें प्रमुख रूप से अवगत कराया गया कि देलवाडा और खमनोर पंचायत समिति की छः ग्राम पंचायतों के 10 राजस्व गांवों को नाथद्वारा नगरपालिका में जोडने के लिये राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग द्वारा एक अधिसुचना 28/01/2025 को जारी की गई जिसमें हमारी ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांव डिंगेला एवं गोपाकुंआ को भी नगरपालिका नाथद्वारा में शामिल किया जा रहा है। इस हेतु ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीण हर हाल में नगरपालिका क्षेत्र में सम्मिलित नहीं होना चाह रहे है। इसे लेकर ग्रामीणों ने ग्राम सभाओं में प्रस्ताव भी लिये है। साथ ही ग्रामीणों ने गांवों में रात्रि चौपालों का आयोजन कर नगरपालिका में शामिल नहीं होने का निर्णय किया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि ग्राम पंचायत द्वारा सक्षम अधिकारी के पास समय पर आपत्तियां भी दर्ज करवाई गई लेकिन राज्य सरकार ने आपत्तियों को भी दरकिनार कर दिया। ग्रामीणों की मांग है कि हमें किसी भी हाल में नगरपालिका में शामिल नहीं करे हमारे गांवों को स्वतंत्र रखा जाये। अगर हमारे गांवों को नगरपालिका में जोडा जाता है तो हमारे गांव का वजुद खत्म हो जायेगा साथ ही सर्व समाज के ग्रामीणों ने सर्वसहमति से निर्णय लिया है कि अगर राज्य सरकार के द्वारा हम ग्रामीणों को जबरन नगरपालिका में शामिल किया जाता है तो हम सभी ग्रामीण मतदान का बहिष्कार करेगें। बड़े आक्रोश के साथ समस्त ग्रामवासी ने बताया की हम शांति से वर्षों से गांवों में निवासरत होकर हमारी समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करते आ रहे है। जिसमें नल, पानी, सडक, बिजली इत्यादि मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ग्राम पंचायत तत्परता से करती आ रही है, जिससे हम पूर्ण रूप से संतुष्ठ है। साथ ही हम ग्रामवासियों की तरफ से आज दिनांक तक कभी भी नगरपालिका नाथद्वारा में सम्मिलित होने का आवेदन या विचार कभी भी कहीं भी किसी भी स्तर पर नहीं किया गया। जब की हमारे ग्राम डिंगेला व गोपाकुंआ की दुरी नगरपालिका नाथद्वारा मुख्यालय से दुरी 7 किलीमीटर से अधिक है। हमारे दोनों गांवों की 90 प्रतिशत जनसंख्या जनजातिय बाहुल्य है जिसको राज्य सरकार द्वारा विशेष जनजातीय उत्थान के लिये बनी हुई योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र में लाभ मिलता है। वह सभी लाभ मिलना भी बंद हो जायेगा। उक्त ग्राम की आबादी मजदूरी करती है। ग्रामवासियों को किसी भी कार्य हेतु नगरपालिका में जाने हेतु ऑटों का किराया लगभग 200 रूपये तक आयेगा। जिसका वहन गरीब ग्रामीण वहन करने हेतु असक्षम है। ग्राम की आबादी पशु पालन पर निर्भर है। जिसमें पशु की घास चरने के लिये चारागाह जमीन उपलब्ध है. जिस पर पशु नित्य घास खाने के लिये जाते है। लेकिन नगरपालिका में पशुओं को बाहर छोडने की मनाही है। इस आधार पर ग्रामीण पशुओं को घास खाने के लिये बाहर नहीं छोड पायेंगे, जिससे गरीब ग्रामीणों के उपर आर्थिक बोझ ओर बढ़ जायेगा। नाथद्वारा नगर पालिका के वर्तमान वार्डो में भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिसमें बहुत से वार्डों में अभी तक लाईट, सडक व नालियां भी नहीं बनी हुई है। इस प्रकार गांवों को नगरपालिका में सम्मिलित करने पर नये वार्डों का समुचित विकास किया जाना असंभव है। सरकार अनुमति दे तो इस बिंदू पर समस्त ग्रामवासी मतदान कराकर बहुमत के साथ रहने को तैयार है।यह कि अभी वर्तमान स्थिति में हमारे गांव डिंगेला एवं गोपाकुंआ को नाथद्वारा शहर में शामिल करने की स्थिति नहीं है। गांवों का विकास शहरों में शामिल होने जैसी स्थिति का नहीं हुआ है।यह कि यदि प्रशासन द्वारा हम समस्त गांववासियों की मांग को नहीं माना जाता है तो हम गांववासियों द्वारा आमरन अनशन एवं उग्र आंदोलन किया जायेगा एवं बहिष्कार किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन व राज्य सरकार की रहेगी। इस अवसर को सरपंच जितेंद्र सिंह सुरेश चन्द्र वीरेंद्र सिंह संजयसिंह सहित सैकडो की तादात में ग्रामीण महिला पुरुष मौजूद थे, इससे पूर्व सभी ग्रामीण क्षेत्रों से आए महिला पुरुष बोहरा पेट्रोल पंप पर जमा होने के बाद जुलूस के रूप में उपखण्ड कार्यालय पहुंच कर राज्य पाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

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