हेड-कॉन्स्टेबल की अटैक से मोत, हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन:परिजनों ने मांगा 5 करोड़ का मुआवजा, बेटों के लिए सरकारी नोकरी

राजसमंद। राजमसंद में थाने में ज्वेलर की मौत मामले को लेकर हो रहे धरना-प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी कर रहे हेड कॉन्स्टेबल को हार्ट अटैक आ गया। जिन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
दरअसल कांकरोली पुलिस थाने में भीलवाड़ा के ज्वेलर्स व्यापारी खूबचंद की मौत के बाद भीलवाड़ा, राजसमंद व नाथद्वारा सहित आसपास के सर्राफा व्यापारियों ने आरके हॉस्पिटल में धरना-प्रदर्शन किया।
इस धरना प्रदर्शन के लिए कांकरोली थाने के हेड कॉन्स्टेबल पूरण सिंह (44) की भी ड्यूटी लगी हुई थी। इस दौरान उनको हार्ट अटैक आ गया और अचानक तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद हेड कॉन्स्टेबल को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद हेड कॉन्स्टेबल का शव आरके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया।
इधर हेड कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में आरके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर राजपूत समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद हॉस्पिटल परिसर के मीटिंग हाल में पुलिस और राजपूत समाज के लोगों के साथ वार्ता हुई।
मंगलवार को सुबह 11 से 12 बजे के बीच वार्ता हुई। जिसमें राजपूत समाज के लोग और एएसपी महेन्द्र पारीक व डीवाईएसपी के बीच वार्ता हुई, लेकिन यह वार्ता सफल नहीं रही। सहमति नहीं बनने के बाद समाज के लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इसके बाद प्रदर्शनकारी लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहा पर जिला कलेक्टर अरूण कुमार हसीजा, एसपी ममता गुप्ता और राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई। दोपहर करीब 1 बजे वार्ता शुरू हुई, लेकिन दूसरे दौर की इस वार्ता में भी सहमति नहीं बनी और समाज के लोग कलेक्ट्रेट के बाहर आ गए।
इन दोनों वार्ता के दौर में परिजनों और समाज के लोगों ने 5 करोड़ का मुआवजा, 2 बच्चों को सरकारी नौकरी और पुलिस की जांच टीम को बहाल किए जाने की मांग रखी।
जिस पर एएसपी महेन्द्र पारीक ने कहा कि पुलिस की जांच टीम को बहाल वाली मांग को लेकर बहाली आदेश 11 अगस्त को ही कर दिया गया था। लेकिन नौकरी और मुआवजे वाली बात पर सहमति नहीं बनी। इसके बाद सभी लोग वापस आरके हॉस्पिटल चले गए। जहां मॉर्च्युरी के बाहर बैठ गए।