राजसमंद (राहुल आचार्य)। जिला कलेक्ट्री, नगर परिषद व जिला परिषद के बाहर चल रहे निर्माण कार्यों ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के सबसे संवेदनशील और वीआईपी इलाकों में जहां रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं, वहीं पर ठेकेदार और विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है।
सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद द्वारा गटर व नालियों को ढकने का काम किया जा रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नालियों की ठीक से सफाई किए बिना ही उन पर पटिया डालकर लीपापोती की जा रही है। ऐसे में अंदर जमी गंदगी व कचरे के कारण नालियां चौक हो रही हैं और बरसात के समय यह पानी बाहर आकर लोगों के लिए आफत बन रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद एक तरफ तो स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिना सफाई किए घटिया निर्माण करवा कर जनता की परेशानी बढ़ा रही है। बरसात में यह गंदगी और पानी का भराव न केवल बदबू फैला रहा है बल्कि संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ा रहा है।
लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर जब जिला कलेक्ट्री और नगर परिषद जैसे बड़े कार्यालयों के सामने ही यह हालात हैं, तो शहर के अन्य इलाकों में काम किस स्तर का होगा? विभाग की आंखों के सामने हो रहे इस घटिया कार्य पर अब तक कार्रवाई न होना कहीं न कहीं जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत पर भी सवाल खड़े करता है।
शहरवासियों ने मांग की है कि इस तरह की लीपापोती रोककर गटर व नालियों की पूरी तरह सफाई कराई जाए और घटिया निर्माण कार्य में संलिप्त ठेकेदारों व जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
