निशुल्क दवा योजना की आपूर्ति ठप, पैकर्स और हेल्पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
राजसमंद । निशुल्क दवा योजना के तहत मेडिसन की सप्लाई ठप हो गई है। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर औषधि भंडार गृह पर कार्यरत पैकर्स और हेल्पर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर हैं। आज तीसरे दिन भी हड़ताल से सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों की आपूर्ति बाधित हो गई है।
पैकर्स और हेल्पर कर्मचारियों ने 24 दिसंबर को पूर्ण बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। कार्य बहिष्कार मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना पैकर्स-हैल्पर कर्मचारी संघ, जयपुर के आह्वान पर किया जा रहा है। हड़ताल के कारण जिलेभर में दवाओं के पैकिंग और वितरण की प्रक्रिया ठप पड़ गई है।
हड़ताल के चलते जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को समय पर निशुल्क दवाइयां नहीं मिलने की आशंका बढ़ गई है। यदि हड़ताल लंबी चली, तो इसका सीधा असर उपचार व्यवस्था पर पड़ सकता है।
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना वर्ष 2011 में शुरू की गई थी। तब से पैकर्स और हेल्पर कर्मचारियों की सेवाएं अनुबंध आधार पर ली जा रही हैं। वर्तमान में इन कर्मचारियों को मात्र 6700 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है, जो बढ़ती महंगाई के दौर में परिवार के भरण-पोषण के लिए बेहद अपर्याप्त है।
कर्मचारियों का कहना है कि वे वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहे हैं, इसके बावजूद न तो उन्हें स्थायी किया गया और न ही मानदेय में कोई ठोस बढ़ोतरी की गई है। कर्मचारियों ने राज्य सरकार से कंपनी में समायोजन, मानदेय वृद्धि, ठेका प्रथा समाप्त करने और राजस्थान संविदा नियम 2022 के तहत शामिल करने की मांग रखी है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। हड़ताल के दौरान हैल्पर कृष्ण वल्लभ गौड़, गोपाल चंद्र बैरवा, महेश पालीवाल, ओम प्रकाश अर्च्चा, अनस खान, सानू कुमार खटीक, शिवराज जोशी और अशोक कुमार रेगर मौजूद रहे।
