भूमि विवाद सुलझा, शिविर बना भाइयों के बीच सहमति का सेतु

राजसमंद। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत तहसील खमनोर की ग्राम पंचायत झालों की मदार में आयोजित शिविर में एक अनुकरणीय और हृदयस्पर्शी मिसाल सामने आई। खमनोर तहसीलदार आशीष सोनी ने बताया कि गांव के निवासी श्री मोडसिंह के पुत्र श्री भंवर सिंह और श्री मीठू सिंह (जाति - दरोगा) वर्षों से अपनी पैतृक भूमि के खातों के बंटवारे को लेकर असमंजस और विवाद में फंसे हुए थे।
सोनी ने बताया कि खाता संख्या 749 और खाता संख्या 22 से संबंधित इस विवाद के चलते न केवल खेती प्रभावित हो रही थी, बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी दरार आती जा रही थी। वर्षों पुराना यह विवाद प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रयासों से पखवाड़ा शिविर में ही सुलझा लिया गया।
राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं तहसील प्रशासन की समझाइश और पहल पर दोनों भाइयों के बीच खाता संख्या 749 का सहमति से बंटवारा किया गया, साथ ही खाता संख्या 22 का भी आपसी सहमति से विभाजन कर दिया गया। इस अवसर पर प्रशासन ने दोनों भाइयों को गले मिलवाया और यह संदेश दिया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय दर्शन का सार यही है- अंतिम व्यक्ति तक न्याय, राहत और समरसता पहुंचाना।
भंवर सिंह और मीठू सिंह की आंखों में उस क्षण भावुकता की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उन्होंने भावुक होकर कहा- “हमने कभी नहीं सोचा था कि वर्षों पुराना हमारा विवाद इतनी सहजता और आपसी समझ से सुलझ जाएगा। अब हम मिलकर खेती करेंगे और परिवार में फिर से खुशहाली लौटेगी।”
तहसीलदार खमनोर ने कहा कि पंडित दीनदयाल अन्त्योदय पखवाड़ा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह शासन-प्रशासन की संवेदनशील और जनहितकारी पहल है, जिसका उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक न्याय और समाधान पहुंचाना है।