कोई भी बच्चा दवा से वंचित न रहे, नशा मुक्ति अभियान का हो सफल क्रियान्वयन :कलक्टर
राजसमंद,। बच्चों और किशोर-किशोरियों के सर्वांगीण विकास के लिये निश्चित समय पर कृमि मुक्ति की दवा लेना आवश्यक है। इससे उनके पोषण स्तर, संज्ञानात्मक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है। यह बात जिला कलक्टर अरूण हसीजा ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के जिला स्तरीय शुभारंभ अवसर पर बालकृष्ण उच्च माध्यमिक विद्यालय, कांकरोली में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
हसीजा ने बताया कि कृमि परजीवी के रूप में शरीर में रहते हैं और भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों को खा जाते हैं, जिससे बच्चों के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है। उन्होंने बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, नियमित रूप से हाथ धोने की आदत विकसित करने और स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने किशोर-किशोरियों से आह्वान किया कि वे अपने घर और मोहल्ले में यह सुनिश्चित करें कि 1 वर्ष से 19 वर्ष तक का कोई भी बच्चा कृमि मुक्ति की दवा लेने से वंचित न रहे।
जिला कलक्टर ने युवाओं को नशे से दूर रहने के लिये प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे और युवा देश का भविष्य हैं। नशे की लत जल्दी लग जाती है और इससे बाहर निकलना कठिन हो जाता है, इसीलिये युवाओं को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में शीघ्र ही नशामुक्ति अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें युवाओं को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हेमन्त कुमार बिन्दल ने कृमि मुक्ति दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृमि संक्रमण से खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, बेचैनी, पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी-दस्त और वजन में कमी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं की रोकथाम के लिये एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डालती है।
इससे पूर्व जिला कलक्टर ने विद्यालय के विद्यार्थियों को एल्बेंडाजॉल दवा खिलाकर जिला स्तरीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश रजक, डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) डॉ. महेन्द्र सिंह खंगारोत, सिटी डिस्पेंसरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राधेश्याम कुमावत, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आरंभ में प्रधानाचार्य श्री प्रमोद पालीवाल ने पुष्पगुच्छ और ईकलाई पहनाकर जिला कलक्टर सहित अतिथियों का स्वागत किया तथा अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।
कृमि मुक्ति दिवस भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों और किशोरों को कृमि संक्रमण से बचाना है ताकि उनका शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास बाधित न हो। आंतों में रहने वाले कीड़े बच्चों के शरीर से पोषक तत्व चूस लेते हैं, जिससे कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी), थकान, कमजोरी, पेट दर्द, दस्त और विकास में रुकावट जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इन दुष्प्रभावों को रोकने के लिए वर्ष में दो बार, फरवरी और अगस्त में, पूरे देशभर में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाती है। इस दिन विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से दवा का निःशुल्क वितरण किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा कृमि मुक्ति की दवा से वंचित न रहे और सभी बच्चे स्वस्थ रहकर अपने पोषण स्तर, शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
