सौर ऊर्जा पम्प पर अब सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी, किसानों को मिली बड़ी राहत

Update: 2025-10-13 11:57 GMT

राजसमंद,। किसानों के लिए राहत की खबर है। उद्यानिकी विभाग के उप निदेशक कल्प वर्मा ने बताया कि अब सौर ऊर्जा सिंचाई पम्पों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दी गई है। केन्द्र सरकार द्वारा 22 सितम्बर 2025 को किए गए इस संशोधन से सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने की लागत में कमी आएगी और किसानों को 4209 रुपये से लेकर 7811 रुपये तक की बचत होगी।

सौर ऊर्जा एक स्वच्छ, अक्षय एवं पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती व स्थाई ऊर्जा उपलब्ध होती है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के घटक-बी के अंतर्गत विद्युत विहीन किसानों के खेतों पर ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा सिंचाई पम्प स्थापित किए जा रहे हैं। योजना का संचालन उद्यान विभाग द्वारा किया जा रहा है।

राजसमंद जिले में अब तक 2107 सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 304 किसानों ने इस योजना से लाभ लेकर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की है। सौर पम्प विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयोगी हैं जहाँ बिजली की उपलब्धता सीमित है या विद्युतीकरण पर अधिक खर्च आता है। डीजल या बिजली चालित पम्पों की तुलना में सौर पम्प न केवल प्रदूषण रहित हैं बल्कि सिंचाई लागत को भी कम करते हैं, जिससे किसानों की आय में अप्रत्यक्ष रूप से वृद्धि हो रही है।

योजना के तहत 3, 5, 7.5 और 10 एचपी क्षमता के सौर पम्प संयंत्रों पर 60 प्रतिशत तक अनुदान देय है, जबकि शेष 40 प्रतिशत कृषक अंश में से 30 प्रतिशत तक बैंक ऋण प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 45,000 रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है। जनजाति उपयोजना क्षेत्र — ग्राम पंचायत कालीवास (देलवाड़ा), ओड़ा, कुचोली, वदरड़ा, पीपाणा और आंतरी (कुंभलगढ़) — के कृषकों को जनजाति विभाग द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान देय है।

योजना में आवेदन करने के लिए कृषक के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर (जनजाति क्षेत्रों के लिए 0.2 हैक्टेयर) भूमि होनी चाहिए। भूमि में जलस्त्रोत उपलब्ध हो, कृषि विद्युत कनेक्शन न हो और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग किया जा रहा हो — ऐसे कृषक पात्र माने जाएंगे।

पूरा आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है — ई-मित्र से आवेदन, जांच, तकनीकी सर्वे, प्रशासनिक स्वीकृति, कृषक अंश जमा, कार्यादेश जारी होने के बाद अधिकतम 120 दिनों में पम्प स्थापना की जाती है। इच्छुक किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र या एसएसओ आईडी से राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय जनाधार के माध्यम से प्रमाणित जमाबंदी, कृषि विद्युत कनेक्शन विहिनता प्रमाणपत्र एवं जलस्त्रोत संबंधी शपथ पत्र अपलोड करना आवश्यक है।

कृषक वर्ष 2025-26 हेतु अधिकृत 32 सौर ऊर्जा पम्प निर्माता/आपूर्तिकर्ता फर्मों में से अपनी पसंद की फर्म का चयन स्वयं कर सकते हैं। उद्यान विभाग, राजसमंद (किसान भवन) से योजना संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अधिकाधिक संख्या में आवेदन कर सौर ऊर्जा से सिंचाई करते हुए ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनें और कृषि उत्पादन को नई दिशा दें।

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