राजसमंद, । क्षेत्रीय कार्यालय, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राजसमंद द्वारा चिकित्सा विभाग एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से मंगलवार को “बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन कार्यशाला मय प्रशिक्षण” का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के सभी अस्पतालों के OICs को अस्पतालों से उत्पन्न बायो-मेडिकल अपशिष्ट के सुरक्षित प्रबंधन एवं उचित निस्तारण की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला में सूर्यपाल लबानिया, सहायक पर्यावरण अभियंता; अंजना, कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता; एवं अंजलि, कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राजसमंद द्वारा जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों को बायो-मेडिकल अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निस्तारण) नियमों की जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों ने बताया कि अस्पतालों से जनित अपशिष्ट को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत कर पृथक रूप से संग्रहित किया जाना आवश्यक है, ताकि उसका सुरक्षित निस्तारण कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल फैसिलिटी के माध्यम से किया जा सके। साथ ही अपशिष्ट के संग्रहण, परिवहन एवं निस्तारण की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य बताया गया।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि बायो-मेडिकल वेस्ट नियमों के अंतर्गत प्रत्येक अस्पताल एवं हेल्थ केयर फैसिलिटी पर कुछ कानूनी दायित्व निर्धारित हैं। प्रतिभागियों को ऑथोराइजेशन एवं संचालन सहमति हेतु आवेदन प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई।
साथ ही प्रतिभागियों को बायो-मेडिकल अपशिष्ट के संग्रहण हेतु बायोडिग्रेडेबल बैग्स के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया, ताकि पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
