हमारा प्रयास यही कि कोई भी गांव जलापूर्ति से न रहे वंचित :विधायक माहेश्वरी

Update: 2025-08-01 10:57 GMT

राजसमंद, । जिले की काबरा एवं कोटड़ी ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड एवं राजस्थान सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के मध्य 4.67 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह कार्यक्रम राजसमंद विधायक  दीप्ति माहेश्वरी के कार्यालय एवं विधायक जनसुनवाई केंद्र पर आयोजित किया गया। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल काबरा एवं कोटड़ी क्षेत्र के लिए जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मिल का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस समझौते से न केवल आमजन को स्थायी रूप से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर भी बेहतर होगा। विधायक ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनहित से जुड़े ऐसे सहयोगात्मक प्रयास विकास की नई राह खोलते हैं।

इस अवसर पर अधिशाषी अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग  लोकेश सैनी ने बताया कि एमओयू के तहत हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से सीईओ एवं पूर्णकालिक निदेशक (प्रथम पक्ष) तथा पीएचईडी की ओर से अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र-उदयपुर (द्वितीय पक्ष) के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के तहत काबरा एवं कोटड़ी पंचायत क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर करने हेतु ₹4.67 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल जल संकट को दूर करने के साथ ही स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

कार्यक्रम में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता  शैतान सिंह एवं राजसमंद सर्कल के अधीक्षण अभियंता रामावतार सैनी उपस्थित रहे। वहीं हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से वेदांता सीएसआर प्रभारी  अनुपम निधि, राजपुरा-दरीबा कॉम्प्लेक्स के आईबीयू सीईओ बलवंत सिंह राठौड़, दरीबा सीएसआर प्रमुख  भुवनेश शर्मा तथा दरीबा सीएसआर टीम सदस्य अरुणा चीता, स्वेतलाना साहू एवं राधिका खेड़िया ने सहभागिता निभाई।

एमओयू के तहत् रेलमगरा पंचायत समिति के कोटडी और काबरा पंचायत के 9 गांव एवं खडबामनियां के 2 गांवों में पेयजल हेतु पाइप लाइन से घर-घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। पेयजल के स्रोत कुएं, पांच ओवर हेड स्टोरेज, जलसंग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर पानी की आपूर्ति की जाएगी।

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