राजसमंद, : जनगणना कार्य निदेशालय के संयुक्त महारजिस्ट्रार एवं निदेशक वरिष्ठ आईएएस बिष्णु चरण मल्लिक की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1969 एवं संशोधित अधिनियम 2023, सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली तथा आगामी जनगणना 2027 से संबंधित विषयों पर बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, समस्त जिला स्तरीय अधिकारी और जनगणना कार्य निदेशालय के सहायक निदेशक दिनेश रैगर उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान श्री मल्लिक ने ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की गुणवत्ता सुधारने और शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जन्म की घटना के समय माताओं को डिस्चार्ज करते समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए। इससे जन्म की घटना छूटने की संभावना समाप्त होगी और आमजन को प्रमाण पत्र के लिए किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।मल्लिक ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जिम्मेदारी सभी सरकारी और निजी चिकित्सालयों की है जहाँ जन्म की घटनाएँ होती हैं। बच्चे का नाम निर्धारित न होने पर बिना नाम का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाए, जिसे बाद में आसानी से संशोधित किया जा सके।इसी प्रकार, संस्थागत मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु सूचना प्रदाता का प्रपत्र तुरंत भरना सुनिश्चित किया जाए, ताकि मृत्यु प्रमाण पत्र समय पर संबंधित प्रार्थी को उपलब्ध हो सके।