राजसमंद राहुल – जिले के तालेड़ी नदी पर बने पुल की हालत इन दिनों चिंता का विषय बनी हुई है। करीब 8 साल पहले बना यह पुल अब जर्जर हालत में है, और स्थानीय लोगों में एक भय का माहौल बना हुआ है। यह पुल न सिर्फ राजसमंद शहर को जोड़ता है, बल्कि इसके पास ही एक स्कूल भी स्थित है जहां रोजाना सैकड़ों बच्चे आवाजाही करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पुल से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, और पुल की हालत ऐसी हो गई है कि यह कभी भी बड़े हादसे को जन्म दे सकता है। इसके बावजूद प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार ने किया था निर्माण
इस पुल का निर्माण ठेकेदार कन्हैयालाल टंक द्वारा किया गया था, जिसे इससे पहले घटिया निर्माण कार्य के चलते धोइंदा गांव में नाली निर्माण में गठिया मटेरियल की वजह से ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।
वही पुन्य निर्माण की जर्जर अवस्था अब सवालों के घेरे में है।
जब ठेकेदार से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि, “टेंडर 8 लाख का था, लेकिन टेंडर से अधिक काम करवाया गया। काम हुआ, लेकिन 8 सालों में खराब हो गया।”
यह बयान भी कहीं न कहीं निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन को नहीं जानकारी?
जब इस विषय में नगर परिषद आयुक्त से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है, संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
यह जवाब प्रशासन की अनदेखी और गैर-जवाबदेही को दर्शाता है।
कौन होगा जिम्मेदार?
अगर इस पुल के कारण कोई दुर्घटना या जनहानि होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या प्रशासन, ठेकेदार या नगर परिषद?
यह पुल अब मौत का कुआं बन चुका है और प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार करता दिख रहा है।
