सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करना ही मुख्य उद्देश्य: पालीवाल
राजसमंद( राव दिलीप सिंह परिहार)पालीवाल ब्राह्मण महासभा मेवाड़ की जिला राजसमन्द मंडल की बैठक शहर के श्रीराम वाटिका में आयोजित हुई जिसमें महासभा को मजबूत करने और समाज के उत्थान पर जोर दिया गया। बैठक महासभा संस्थापक घनश्याम पालीवाल व केंद्रीय महामंत्री भवंरलाल पालीवाल के आतिथ्य में आयोजित हुई। शुभारंभ गायत्री मंत्र के सामूहिक उच्चारण से हुआ। बैठक को संस्थापक घनश्याम पालीवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज में जब तक जागरुकता नहीं आएगी समाज आगे नहीं बढ़ेगा। समाज के विकास के लिए हमेशा सकारात्मक सोच रखना जरूरी है। सामाजिक उत्थान के लिए हमें एकजुट होकर युवा पीढ़ी में जागरुकता लानी होगी। समाज के हर शख्स का एक ही उद्देश्य होना चाहिए कि किस तरह समाज का विकास हो। इसके लिए बच्चों की शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, संस्कृति को बेहतर करने की दिशा में प्रयास करना होगा।आज बच्चों के सामने सारी दुनिया एक क्लिक पर मौजूद है। मगर इस शिक्षा में संस्कार कहीं छूट जाता है। हमें समझना होगा की संस्कार हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। उसके बिना मनुष्य और समाज की कल्पना कर पाना संभव नहीं है। महासभा केंद्रीय महामंत्री भवंरलाल पालीवाल ने बताया कि बैठक में कार्यकारिणी द्वारा संघटनात्मक गतिविधियों पर चर्चा करते हुए आगामी दिनों में प्रतिभावान सम्मान समारोह, युवक युवती परिचय सम्मेलन, मेनारिया, नागदा व पालीवाल समाज की समस्त श्रेणियों का मातृशक्ति सम्मेलन व खेलकूद प्रतियोगिता, पाँच स्थानों पर संस्कार शिविर व सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार आयोजित करने का निर्णय हुआ। बैठक में सभी श्रेणियों के पदाधिकारियों का पगड़ी व इकलाई से स्वागत हु। स्वागत उद्धबोधन जिला अध्यक्ष चन्द्रशेखर बागोरा ने दिया। आभार वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशन पालीवाल ने व्यक्त किया। आयोजन का संचालन जिला मंत्री राजेश भगवानदा ने किया।
इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष श्यामलाल दड़वल, कोषाध्यक्ष गिरिजाशंकर मंडा, कैलाश जोशी, भरत केसुली, ईश्वरलाल नागदा, बद्रीलाल मेनारिया, जिला सरंक्षक भानु पालीवाल, 44 श्रेणी पालीवाल समाज महामंत्री सेवाराम बागोरा, देवीलाल मण्डा, दिनेश मण्डा 24 श्रेणी पालीवाल समाज महामंत्री भगवतीलाल पालीवाल, कोषाध्यक्ष बसंत पालीवाल, सदस्य चंद्रकांत ओडन, कालूराम पाटवी साकरोदा, जानकीलाल मुंडोल, सत्यनारायण केसुली, दुर्गेश पर्वत खेड़ी, गिरिराज पर्वत खेड़ी, लक्ष्मीलाल वागडोला, भवानीशंकर पिपली अहिरान, छगनलाल पिपलांत्री, भगवतीलाल खमनोर, भरत डिप्टी, अशोक बागोरा, नंदकिशोर, उमेश, मगनलाल, गोपाल केलवा, राजेश मंडा, गोपाल संजय भंवरलाल केलवा, मनोज भगवान्दा, दुर्गाशंकर कुंठवा, नीलेश धर्मेटा, कौशल्या धोइंदा, पूजा चारभुजा, कैलाश सुन्दरचा, विष्णु धायला, गोपाल बामनहेड़ा, रोहित मंडा, पंकज मोरवड़, गणेश मोरवड़, भैरूलाल, भगवानलाल दवे, जगदीश बामन टुकड़ा, शांतिलाल मेनारिया, कमलेश धोइंदा, राजेश भाणुजा, पूर्णाशंकर, पुष्कर, कैलाश, ओमप्रकाश, कमलेश भगवान्दा, संजय बिजनोल, गजेंद्र धोइंदा, दुर्गेश साकरोदा सहित समाज के कई प्रबुद्धजन, मातृशक्ति व युवा उपस्थित थे।