राजसमंद नगर पालिका पर रावण दहन में भी भ्रष्टाचार के आरोप, घटिया सामग्री से भड़का विरोध
राजसमंद (राहुल आचार्य)। नगर पालिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार विवाद का कारण बना है रावण दहन। जानकारी के अनुसार इस वर्ष राजसमंद में तीन स्थानों पर रावण दहन का आयोजन होना तय हुआ था, जिसके लिए करीब 4 लाख 50 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। यानी एक रावण पर लगभग 1.5 लाख रुपए खर्च होना तय था।
लेकिन स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लाखों रुपए के बजट के बावजूद रावण की तैयारी घटिया रही। रावण के कपड़े जगह-जगह से फटे हुए थे, जिससे वह जलने से पहले ही बेहाल नजर आ रहा था। विरोध कर रहे लोगों ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जिस रावण को सोने की लंका का राजा कहा जाता है, वही इस बार नगर पालिका की लापरवाही के चलते "बीपीएल परिवार का सदस्य" बनकर सामने आया।
पूर्व जिला अध्यक्ष मानसिंह बारहट और भाजपा नेता नर्मदा शंकर पालीवाल की टीम ने मौके पर विरोध दर्ज कराया। पालीवाल ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने नगर पालिका के बजट का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया और मात्र दिखावा करने के लिए घटिया स्तर का रावण तैयार कर दिया।
मामले की जानकारी मिलने पर नगर परिषद आयुक्त मौके पर पहुंचे और उन्होंने ठेकेदार की गलती स्वीकारते हुए नया रावण बनाने का निर्देश दिया।