उदयपुर शूटिंग रेफरी क्लीनिक विवाद: नियमों को ताक पर, बच्चों ने लगाए गंभीर आरोप
उदयपुर। माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर द्वारा आयोजित शूटिंग रेफरी क्लीनिक (27 से 31 जुलाई, एल. सोल्जर सी. सै. स्कूल डबोक) अब विवादों में घिर गया है। खिलाड़ियों और अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि इस महंगे खेल को नियम-कायदों की अनदेखी कर मनमर्जी से संचालित किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग का उद्देश्य था कि सभी जिलों के शारीरिक शिक्षकों को तकनीकी जानकारी दी जाए, ताकि वे प्रतियोगिताओं का संचालन कर सकें। लेकिन हकीकत यह रही कि कुल 52 शिक्षकों के आदेश जारी हुए, जबकि 43-44 ही उपस्थित रहे। सबसे बड़ी खामी – राजस्थान के 19 जिलों को कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं मिला।
सबसे बड़े सवाल
डीडवाना-कुचामन से आए 5 शिक्षकों में एक ही परिवार के 3 सदस्य शामिल!
जयपुर की भावना चौधरी, जो पहले से एथलेटिक्स में NIS डिप्लोमा धारक हैं, उन्हें भी शूटिंग क्लीनिक में जगह।
खिलाड़ियों के आरोप
शूटिंग रेंज में खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा –
चयन पूरी तरह "मनमर्जी" से हुआ।
तकनीकी योग्यता देखने के बजाय चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया गया।
खेल भावना की जगह “लॉबीबाजी” और “परिवारवाद” हावी रहा।
सबसे महंगे खेल शूटिंग में नियमों को ताक पर रखकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
बड़ा सवाल
आखिर शिक्षकों का चयन किन मानदंडों पर हुआ?
उनके खेल विषय प्रपत्र-10 में क्या दर्ज था?
सभी जिलों को समान प्रतिनिधित्व क्यों नहीं मिला?
कुल मिलाकर, उदयपुर का यह रेफरी क्लीनिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर गया है और खिलाड़ियों में गहरा आक्रोश है।
वही नियमों के अनुसार 40 बार एक खिलाड़ी को शूटिंग के लिए 40 कार्ड देने थे लेकिन 20 कार्ड में ही खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है जो कि नियमों के विरुद्ध है....
