राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: कृषि भूमि पर बिना रूपांतरण मैरिज गार्डन चलाना गैरकानूनी
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) क्षेत्राधिकार में **कृषि भूमि पर बिना भू-रूपांतरण** किसी भी व्यावसायिक गतिविधि का संचालन करना पूर्णत: गैरकानूनी है। अदालत ने विशेष रूप से कहा कि इस प्रकार की भूमि पर **मैरिज गार्डन या अन्य व्यवसायिक आयोजन** करना कानून के विरुद्ध है।
न्यायालय के अनुसार, कृषि भूमि का उद्देश्य कृषि गतिविधियों तक ही सीमित है, और इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए बदलने से पहले उचित रूपांतरण प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। बिना अनुमति व्यवसायिक गतिविधि करना न केवल योजना नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और संचालकों पर **कानूनी कार्रवाई** भी की जा सकती है।
जेडीए क्षेत्र में इस दिशा में कई शिकायतें मिल रही थीं, जहां कृषि भूमि पर मैरिज गार्डन और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और किसी भी तरह की अवैध व्यावसायिक गतिविधि को तुरंत रोका जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला **भूमि उपयोग के नियमों के पालन और शहर के नियोजन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण** है। अब भूमि मालिकों और आयोजकों के लिए स्पष्ट हो गया है कि कृषि भूमि पर व्यवसायिक आयोजन करना बिना रूपांतरण पूरी तरह अवैध है और इसके गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।