उदयपुर। हिरण मगरी सेक्टर14 स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण जेके ब्लॉक में संगीतमय रामकथा के पांचवें दिन पुष्कर दास महाराज ने कहा कि धरती पर पाप ज्यादा बढ़ रहा है इसलिए प्रकृति भी रूठ रही है । आजकल नवजात बालकों को बहुत दुख दिया जा रहा है। आज के समय में नवरात्रि में 9 कन्याएं भोजन करवाने के लिए मुश्किल से मिलती हैं। बच्चियों को बचाना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। आगे कहा धन, संपदा,प्रतिष्ठा आदि कुछ भी हमारा नहीं है सब प्रभु का दिया हुआ प्रसाद है। आजकल लोगों का तन कथा में रहता हे पर मन नहीं, मन परमात्मा को देने की जरूरत है।
मनुष्य जन्म अनमोल मिला है उसकी कदर करने की जरूरत है। मन को संसार से निकाल कर परमात्मा में लगाना ही तप कहलाता है, कथा सुनने से मन दुनिया से ऊपर उठता है। भोले बाबा कैलाश पर्वत पर पार्वती से कहते सब काम छोड़ कर प्रभु राम के नाम का सुमिरन करो भजन करो । भोले बाबा गाते है मंगल भवन अमंगल हरि हारी,उमा सहित जेहि जपत पुरारी। महाराज ने कहा रामायण ग्रन्थ हमारे सभी के घर में होना चाहिए, भगवान शंकर को सती का दु:ख सताता है आखिर भोले बाबा ने कहा होई सोई जो राम रचिराखा । आखिर में सती का परित्याग हुआ। सती ने कहा जनम जनम मुझे पति रूप में भगवान शिव प्राप्त हो । कथा को आगे बढ़ाते हुए आगे कहा राम का जन्म हमारे घट में होना चाहिए द्य महाराज ने कहा जो दुख हमे मिलता है तो कर्मों का लेखा चुकता है। आगे मनु ओर शतरूपा के प्रसंग का वर्णन किया। कथा में जितने बैठे हे सभी ने पुण्य किए होंगे तभी आज सत्संग में बैठे है।
राम जन्म की कथा का विस्तार करते हुए महाराज ने कहा ईश्वर ने 24 अवतार धरती पर लिए लेकिन जब जीव आर्तभाव से पुकारता है तब प्रभु उसके लिए सूक्ष्म रूप लेकर आते है। चौपाई "तब तब धरी प्रभु विविध शरीरा", राम जन्म के प्रसंग पर महाराज ने राम नाम की व्याख्या करते हुए बताया कि " राम सच्चिदानंद दिनेशा " ईश्वर आंनद का स्वरूप है। कलयुग में जब कथा,सत्संग,भजन करते हुए हमारा मन निर्मल होता है तब आनंद रूप ईश्वर हमारे भीतर प्रकट होता है। अंत में राम जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया। सभी भक्तों ने एक दूसरे को बधाई दी। जन्मोत्सव पर सभी ने खूब आनंद से नृत्य किया ।
विठ्ठल वैष्णव ने बताया मंगलवार को रुद्रेश्वर महादेव विकास समिति के महेश त्रिवेदी, मनोज भट्ट, जगदीश व्यास, प्रवीण सिंह, पुष्पेंद्र शर्मा, मंजू कुंवर कृष्णा भाटी, गोविंद सिंह, राहुल सिंह एवं अतिथि के रूप में हरि सिंह, सत्येंद्र सिंह, राकेश शर्मा, कन्हैया लाल माली, राकेश पदाधिकारी उपस्थित रहे