दुनियां में सबसे बड़ा बादशाह है वक्त : बालयोगी मुनि श्रुतधरनंदी
उदयपुर, । गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।
चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, पुष्कर जैन भदावत, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत ने बताया गुरुवार को बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाओं ने गमेर बाग धाम में बिराजित मूलनायक भगवान की नित्य नियम पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा की। वहीं कई श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ से आशीर्वाद लिया।
चातुर्मास समिति के भंवरलाल गदावत ने बताया कि गुरुवार को मुनिश्री का पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्जवलन, धर्मसभा के पूर्व शंतिधारा, अभिषेक, शास्त्र भेंट, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन जैसे मांगलिक आयोजन हुए। शाम को सभी श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ की आरती की।
सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि सबसे बड़ा बादशाह कौन, दुनियां में सबसे बड़ा बादशाह है वक्त, वक्त का कहना है कि मै कल फिर नहीं आऊगा, मुझे खुद नहीं पता कि कल तुझे हंसाऊगा, या रुलाऊंगा, जीना है तो बस इस पल को जी ले, क्योंकि मैं किसी भी हाल में इस पल को अगले पल तक रोक नहीं पाऊगा। डाली पर बैठे परिंदे को मालुम है कि डाली कमजोर है, फिर भी वो उस डाली पर बैठता है, क्योंकि उसको डाली से ज्यादा अपने पंख पर भरोसा है। घर परिवार को मालिक नहीं, माली बनकर संभालिए जो खयाल तो सबका रखता है, पर अधिकार किसी पर नहीं जताता।
कार्यक्रम का संचालन पुष्कर जैन भदावत ने किया। इस इस दौरान सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।