पात्र जनों का विविध योजनाओं में किया जाएगा पंजीयन

By :  vijay
Update: 2025-05-20 11:24 GMT
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उदयपुर,। आदिवासी बहुल गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने तथा जनजाति समुदाय के लिए शिक्षा, रोजगार, आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी कर उन्हें मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से भगवान बिरसा मुण्डा के नाम पर धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान देश भर के 550 से अधिक जिलों के 63 हजार से अधिक जनजाति बहुल गांवों के लिए चलाया जा रहा है। इसी प्रकार वनाधिकारों के प्रति भी आमजन को सजग करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार प्रदेश में अभियान को सफल बनाने तथा जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए कटिबद्ध है। इसी क्रम में प्रदेश भर में जून माह में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें अभियान के तहत चिन्हित हर पंचायत में शिविर आयोजित होगा।

यह है धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी बहुल गांवों में बुनियादी ढांचे से संबंधित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ शुरू किया। अभियान का नाम भगवान बिरसा मुण्डा को समर्पित है, क्योंकि झारखण्ड में बिरसा मुण्डा धरती आबा के रूप में पूजनीय हैं। अभियान का शुभारंभ झारखंड के हजारीबाग से 2 अक्टूबर 2024 को हुआ। इसमें देश भर के 550 जिलों के आदिवासी बहुल गांवों को जोड़ा गया है। अभियान का लक्ष्य सरकार के 17 मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं का लाभ जनजाति समुदाय तक पहुंचा कर सामाजिक बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को समाप्त करना है। यह जनजातीय क्षेत्रों व समुदायों का समग्र एवं सतत विकास सुनिश्चित करने पर बल देता है। उल्लेखनीय है कि ग्राम उत्कर्ष अभियान को लेकर सभी संबंधित विभागों की ओर से आगामी 5 वर्ष की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है।

विभागों की लगेंगी स्टॉल्स, पात्र लोगों का होगा पंजीयन

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त शक्तिसिंह राठौड़ ने बताया कि जागरूकता अभियान के तहत संबंधित ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जाएंगे। इसमें शिक्षा, चिकित्सा, ग्रामीण विकास, आईसीडीएस, जलदाय, विद्युत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, आयुष, टेलीकॉम, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, मत्स्य, पशुपालन, पर्यटन, सिंचाई आदि विभागों की स्टॉल्स रहेंगी। विभागीय योजनाओं में पात्र लोगों का हाथों हाथ पंजीयन भी किया जाएगा।

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी ने बताया कि उदयपुर जिले में जागरूकता अभियान को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। जल्द ही चिन्हित पंचायतों में शिविर का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया जाएगा। संबंधित विकास अधिकारियों के निर्देशन में ग्राम पंचायतों में शिविर का आयोजन होगा।

उपायुक्त टीएडी रागिरी डामोर ने बताया कि शिविर स्थल पर आधार, जनाधार सहित स्वास्थ्य जांच सुविधाएं आदि भी उपलब्ध रहेंगी। शिविर की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाकर निर्धारित प्रपत्र में सूचना प्रेषित करते हुए वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।

वनाधिकारों के प्रति भी करेंगे जागरूक

जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार आगामी 1 से 30 जून तक वनाधिकार जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। टीएडी आयुक्त शक्तिसिंह राठौड़ ने बताया कि यह अभियान बांसवाड़ा, उदयुपर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, बारां, पाली, राजसमंद, कोटा, बूंदी, धौलपुर, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, अलवर, चित्तौड़गढ, टोंक, झालावाड़ तथा जयपुर जिलों में चलाया जाएगा। उपायुक्त रागिनी डामोर ने बताया कि अभियान के दौरान वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार के बारे में हितधारकों को शिक्षित करना, वन अधिकार अधिनियम क्रियान्वयन प्रक्रिया में ग्रामसभा की भूमिकाप र प्रकाश डालना, दावे दाखिल करने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन, सामुदायिक वन प्रबंधन योजना का विकास तथा अभिसरण के माध्यम से मान्यता के बाद समर्थन, जिला कलक्टर के माध्यम से वन अधिकार पट्टों का वितरण, कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि विभाग के माध्यम से वनाधिकार पट्टाधारकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और बीच-छोटे उपकरणों के बारे में जागरूकता एवं वितरण, पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ के लिए वनाधिकार पट्टा धारकों का पंजीयन आदि गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

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