पशु स्वस्थ हैं तो मानव स्वस्थ हैं...

By :  vijay
Update: 2025-04-07 12:38 GMT
पशु स्वस्थ हैं तो मानव स्वस्थ हैं...
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 उदयपुर, । विश्व स्वास्थ्य दिवस पर राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में संगोष्ठी आयोजित हुई। पशुपालन डिप्लोमा के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि मानव को स्वस्थ्य रखने के लिए पशुओं के स्वास्थ्य को अनदेखा नहीं किया जा सकता। डॉ. छंगाणी ने बताया कि पशुओं में 400 से भी अधिक ऐसे रोग है जो पशुओं से मानव में तीव्रता से फैलते है। जब तक पशुओं को इन रोगों से मुक्त नहीं किया जाएगा, तब तक मानव पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं रह सकता। मानव द्वारा पशुओं के सम्पर्क में आने से एवं उनके उत्पाद जैस दुग्ध, मांस, अण्डा, ऊन आदि को उपयोग में लेने से पशुओ के रोग मनुष्यों में आने की प्रबल संभावना रहती है। आदिकाल से मानव का पशुओं के साथ निकटम सम्बन्ध है। इसलिए मानव के अस्वस्थ होने पर एक मुख्य कारण रोगग्रस्त पशु भी हो सकता है। अतः हमें चाहिए जब स्वास्थ्य की बात करें, वहां पशु स्वास्थ्य को भी गंभीरता से लें। डॉ. छंगाणी के अनुसार एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य की परिकल्पना को फलीभूत करने की आवश्यकता है। संस्थान की वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. पदमा मील ने पशुओं से मनुष्यों में होने वाले रोगों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. पद्मा मील ने बताया कि विश्व की अधिकांश आबादी मांसाहारी हैं पशु स्वस्थ हैं तो मानव स्वतः ही स्वस्थ रहेगा। वर्तमान समय में औद्योगिक खाद्य पदार्थों का चलन बढ़ रहा हैं। कृषि में उपयोग लिये जाने वाले उर्वरकों में भी आर्गेनिक की तरफ रूझान बढ़ा है। संस्थान के वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश साहू ने भी विचार रखे। 

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