जनजाति भित्ति चित्रण एवं माण्डना कला‘‘ पर चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

उदयपुर, । माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं टीआरआई, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘जनजाति भित्ति चित्रण एवं माण्डना कला‘‘ पर चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ।
संस्थान के निदेशक ओ. पी. जैन ने कार्यशाला का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि आदिवासी अंचल के कलाकारों की प्रतिभा को दुनिया व समाज के समक्ष लाने व उनके तैयार कलाकृतियों की मार्केट तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उक्त कार्यशाला रखी गयी है।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि एमएलएसयू के सामाजिक विज्ञान व मानविकी कॉलेज के डीन मदन सिंह राठौड़ ने महिला कलाकारों को कला की आत्मा बताते हुए आदि एवं आदि कला पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ठ अतिथि मीरा गर्ल्स कॉलेज के सह आचार्य रामसिंह भाटी ने कहा कि माण्डना भूमि पर विशिष्ट अवसरों पर बनाये जाते हैं जबकि भित्ति चित्र द्वारा कलाकार अपने भावों की अभिव्यक्ति दीवार पर उकेर कर देता है। अब वे यहां कार्यशाला में केनवास पर अपनी प्रतिभा को उकेरेंगे।
इस चार दिवसीय आवासीय कार्यशाला में विभिन्न जिलों के 24 कलाकार केनवास पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। आगंतुक अतिथियों ने केनवास पर रंगों द्वारा कलाकृतियां बनाकर अपनी कला का जीवंत परिचय दिया है। कार्यक्रम में संस्थान के सहायक निदेशक बनवारी लाल, कार्यशाला के समन्वयक दिनेश उपाध्याय, कलाकार भी उपस्थित रहे। संचालन व्याख्याता हर्षवदन सिंह सोलंकी ने किया।