उदयपुर में 26380 लाख रूप्ए व सलूम्बर में 9086 रूपए लाख के प्रस्ताव

उदयपुर, । जिला परिषद की विषेष साधारण सभा बैठक बुधवार को जिला परिषद सभागार में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी के मुख्य आतिथ्य एवं जिला प्रमुख ममता कुंवर की अध्यक्षता में हुई। विषिष्ट अतिथि सलूम्बर विधायक शांतादेवी रही। बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - चतुर्थ के तहत अनुमानित प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।
प्रारंभ में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी ने आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- चतुर्थ के लिए डीआरआरपी केन्डीडेट रोड एवं सीएनसीपीएल - काम्प्रेहेन्सिव न्यू कनेक्टिविटी प्रायोरिटी लिस्ट के प्रस्तावों का अनुमोदन करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव के आदेषों की अनुपालना में विषेष साधारण सभा आयोजित की गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के उदयपुर और सलूम्बर अधीक्षण अभियंताओं ने अपने-अपने क्षेत्र के प्रस्ताव सदन के समक्ष रखते हुए उनका वाचन किया। उन्होंने अवगत कराया कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जनजाति क्षेत्री में 250 की आबादी तथा गैर जनजाति क्षेत्रों में 500 की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। उदयपुर जिले में कुल 346.30 किलोमीटर लंबाई की कुल 141 सड़कों के लिए 26380 लाख रूपए तथा सलूम्बर जिले में 129.5 किलोमीटर लंबाई की कुल 59 सड़कों के लिए 9086 लाख रूप्ए के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। सदन ने इन प्रस्तावों का अनुमोदन किया। सदस्यों ने अवगत कराया कि कुछ गांव ऐसे भी हैं, जिनकी वर्तमान जनसंख्या योजना के मापदण्डों के अनुरूप है, लेकिन आधार वर्ष 2011 की जनगणना होने से प्रस्तावों में शामिल होने से वंचित रहे हैं। उन्होंने ऐसे गांवों के लोगों की आवागमन समस्या के समाधान के लिए केबिनेट मंत्री श्री खराड़ी से आग्रह किया। इस पर केबिनेट मंत्री ने उचित कार्यवाही का आष्वासन दिया।
वन विभाग की अनापत्ति के इंतजार में अटके सड़क कार्यों पर दें ध्यान: खराड़ी
बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जिले में वन विभाग की अनापत्ति के इंतजार में अटके सड़क निर्माण कार्यों पर विषेष ध्यान देने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि कई प्रकरण जिला स्तर पर सुलझाने योग्य हो सकते हैं। ऐसे मामलों को जिला कलक्टर से चर्चा कर निस्तारित कराएं, जो राज्य स्तर से निस्तारित होने हैं, उनके बारे में सूची उपलब्ध कराएं, ताकि उनका समाधान कराया जा सके। बैठक में प्रधानगण, जिला परिषद सदस्यगण तथा अधिकारीगण उपस्थित रहे।