जनजाति विकास कोष राशि 1500 करोड़ से बढ़ाकर 1750 करोड़ रूपए की गई

By :  vijay
Update: 2025-02-28 17:31 GMT

जयपुर/उदयपुर,  । जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जनजाति कल्याण की भावना से हमारी सरकार आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए कृत संकल्पित है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं से अनुसूचित क्षेत्र, माडा क्षेत्र, माडा कलस्टर, बिखरी जनजाति योजना क्षेत्र व सहरिया आदिम जनजाति क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है।

 खराड़ी ने जनजातीय महानायकों को याद करते हुए कहा कि आदिवासी समाज ने देश की आजादी, मातृभूमि, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुतियां दी हैं। देश के विकास में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य सरकार जनजाति नायकों को इतिहास में उचित स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। गत बजट में डूंगर बरंड़ा, बांसिया चारपोटा के स्मारक बनाने तथा वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का निर्माण कराने के लिए घोषणा की गई थी, इनका कार्य प्रगतिरत है। इनके निर्माण से भावी पीढ़ी गौरवशाली विरासत को समझ सकेगी।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री शुक्रवार को विधान सभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (मांग संख्या-30) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विभाग की 361 अरब 14 करोड़ 76 लाख 03 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

  खराड़ी ने कहा कि विभाग ने नवाचारों के जरिए आदिवासी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया है। इसमें संचार सेतु स्थापना, नवीन अमृत कलश योजना, जनजाति डिजाइन स्टूडियो ‘बनफूल‘, लेक्रोस खेल जैसे नवाचार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विभाग में निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए ‘वर्कर्स मॉनिटरिंग सिस्टम‘ भी लागू किया गया है।

छात्रावास अधीक्षक कैडर का गठन, 470 पदों पर होगी भर्ती

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि विभाग ने अपने छात्रावासों में अधीक्षक कैडर निर्माण के लिए बड़ी पहल की है। इसके लिए छात्रावास अधीक्षक (महिला) ग्रेड-2 व छात्रावास अधीक्षक (पुरूष) ग्रेड-2 के पदों को कार्मिक विभाग की अधिसूचना 16 जनवरी, 2025 से राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 में शामिल कर दिया गया है। विभाग द्वारा 470 अधीक्षक के पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को भिजवाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

जनजाति विकास कोष की बढ़ाई राशि

  खराड़ी ने कहा कि वर्तमान बजट में भी जनजाति विकास को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई हैं। जनजातीय उपयोजना क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से जनजाति विकास कोष की राशि 15 सौ करोड़ रूपए से बढ़ाकर 1750 करोड़ रूपए किए जाने की घोषणा हुई है। उन्होंने सदस्यों और जनजाति क्षेत्र निवासियों को आश्वस्त किया कि बजट घोषणाओं को समयबद्ध पूर्ण करा लिया जाएगा।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि जनजाति आस्था के केन्द्रों का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए बारां स्थित सीताबाड़ी और उदयपुर स्थित कमलनाथ महादेव व जावरमाता में कार्यों के लिए 16 करोड़ रूपए से अधिक की स्वीकृतियां जारी कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जनजाति युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना भी हमारी जिम्मेदारी है। अभी 4 हजार 697 युवाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है।

वनधन केन्द्रों से लाभान्वित हो रहा जनजाति वर्ग

  खराड़ी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के कृषि एवं वन आदि उत्पादों के विपणन में सहयोग प्रदान करने के लिए वनधन केंद्रों की स्थापना हुई हैं। राज्य के 9 जिलों में 530 वनधन केंद्रों से लगभग 1 लाख 53 हजार सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिम जाति सहरिया के विकास पर भी सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

केंद्र सरकार की पीएम जनमन योजना के तहत बारां जिले के सहरिया क्षेत्र में नवीन 17 मल्टी-परपज केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। जिले में ट्राईफेड, जनजाति कार्य मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा 51 वनधन विकास केंद्रों का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त अति-पिछड़ी सहरिया, कथौड़ी जनजाति एवं खैरवा जाति के लगभग 1 लाख 30 हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रतिमाह प्रति यूनिट 500 ग्राम दाल, 500 मिलीग्राम तेल व 250 मिलीग्राम देशी घी निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

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