उदयपुर । शहर के पास की पैराफेरी पंचायतों के करीब 70 गांवों के लोग आज प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। उनकी मांग थी कि वर्षों से रह रहे ग्रामीणों को उनके हक के पट्टे तुरंत दिए जाएं।
उदयपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम से जुड़े इन पंचायतों के लोग गुस्से में थे। उनका कहना है कि अब उन्हें बार-बार अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन उनका हक उन्हें नहीं मिल रहा।
कलेक्टरी के बाहर बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मुख्य गेट के सामने रोड पर हुई मीटिंग में पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी और बरसों से वंचित गरीबों के पट्टों की मांग को जोर-शोर से उठाया।
पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि यूडीए अधिकारी जमीन पर अतिक्रमण मानकर कई घरों को हटा देते हैं। हाल ही में सविना क्षेत्र में ऐसा ही मामला देखा गया।
संघर्ष समिति के चंदन सिंह देवड़ा ने कहा कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने लगातार आश्वासन दिए, लेकिन जनता की जायज मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दस जनों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज्ञापन देने के प्रयास के दौरान बड़ी भीड़ कलेक्टरी के फाटक तक पहुंच गई। पुलिस ने छोटी फाटक को बंद करने का प्रयास किया, लेकिन लोग अंदर प्रवेश करने की कोशिश करते रहे।
इस दौरान एडिशनल एसपी उमेश ओझा मौके पर आए और लोगों को शांत कराया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अंदर जाने दिया और बाकी लोगों को पीछे हटने को कहा। पुलिस ने बेरिकेटस पर चढ़े लोगों को नीचे उतरवाया। प्रशासन ने चेतावनी दी कि यदि दस दिन में मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो आगे की रणनीति अपनाई जाएगी।
