शरद पूर्णिमा पर मथुराधीश मंदिर में भक्ति संध्या और खीर का भोग, श्रद्धा से ओतप्रोत हुआ वातावरण
शाहपुरा मूलचन्द पेसवानी। शाहपुरा में शरद पूर्णिमा का पावन पर्व सोमवार को चमना बावड़ी स्थित श्री मथुराधीश मंदिर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। रात्रि में भजन-संध्या और खीर भोग के साथ पूरा वातावरण भक्ति रस में डूब गया।
मंदिर के पुजारी नगजीराम शर्मा एवं विश्वबंधु पाठक ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों द्वारा 51 किलो दूध की खीर तैयार की गई। परंपरा अनुसार यह खीर मंदिर की छत पर धवल चांदनी रात में रखी गई। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर अमृत वर्षा करता है, जिससे यह खीर अमृतमय हो जाती है। ऐसी खीर का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, विशेष रूप से दमा, अस्थमा और श्वांस रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए।
रात्रि में भक्तों ने भक्ति भाव से कई सुंदर भजनों का गायन किया, जिनमें “जनमा जनमा भादूड़ा की रात में जनम लियो आधी रात को”, “मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है”, “भोले भंडारी बनके ब्रज की नारी”, “सांवरिया से दे दे”, “लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा वो देखा जाएगा” जैसे भजन शामिल थे। भजनों की मधुर ध्वनि पर श्रद्धालु झूमने और नृत्य करने लगे।
मध्यरात्रि 12.25 बजे पुजारी नगजीराम शर्मा द्वारा महाआरती की गई। इसके पश्चात भगवान श्री मथुराधीश जी को खीर का भोग लगाया गया और प्रसाद के रूप में यह खीर सभी भक्तों में वितरित की गई।
इस अवसर पर महेंद्र जैन, रमेश बेली, पुष्पेंद्र काबरा, श्रीराम सोनी, ललित प्रसाद, महेंद्र, गोपाल ठठेरा, केशव, रूद्र, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। वहीं महिला मंडल की सज्जन देवी, गायत्री देवी, सरिता देवी, मंजू देवी, माया देवी, साक्षी, आयुषी, अतिका, राधिका, रंजना देवी, सीमा देवी, ज्योति देवी, सिया देवी आदि ने भजनों का आनंद लेते हुए खीर का प्रसाद ग्रहण किया।
