झीकरी को पंचायत मुख्यालय नहीं बनाने पर ग्रामीणों का आक्रोश जारी, प्रशासन ने सांसद की अनुशंसा को किया नजरअंदाज

Update: 2025-12-20 06:16 GMT

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) ग्राम झीकरी को ग्राम पंचायत मुख्यालय का दर्जा नहीं दिए जाने से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। 25 नवंबर को झीकरी के ग्रामीणों ने भीलवाड़ा लोकसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल के समक्ष अपनी पीड़ा रखी थी। इस दौरान सांसद दामोदर अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से यह लिखा था कि “ग्राम झीकरी की आबादी मानपुरा से अधिक है तथा यह पंचायत के केंद्र में स्थित है, अतः जनहित में पंचायत मुख्यालय झीकरी होना चाहिए।”

इसके बावजूद प्रशासन द्वारा सांसद की अनुशंसा को नजरअंदाज करते हुए मानपुरा को ग्राम पंचायत मुख्यालय घोषित कर दिया गया, जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को ग्रामीणों ने प्रधान कौशल किशोर शर्मा के प्रतिनिधि किशोर शर्मा के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चेतावनी दी कि जब तक झीकरी को पंचायत मुख्यालय का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक वे आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार द्वारा नई ग्राम पंचायतों के गठन हेतु पूर्व में तैयार प्रस्ताव में ग्राम पंचायत खजूरी से अलग कर मानपुरा के नाम से पंचायत गठन का प्रस्ताव रखा गया था, जबकि खजूरी ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा राजस्व ग्राम झीकरी है। भौगोलिक और जनसंख्या की दृष्टि से भी झीकरी अधिक उपयुक्त प्रतीत होता है। जनगणना 2011 के अनुसार झीकरी की जनसंख्या 754 है, जबकि मानपुरा की 606 है। इसके बावजूद झीकरी की जगह मानपुरा को पंचायत मुख्यालय बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे ग्रामीणों ने भौगोलिक रूप से भी अनुपयुक्त बताया।

प्रस्ताव पर आपत्तियां आमंत्रित करने हेतु एक माह की अवधि तय की गई थी, जिसमें झीकरी के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के समक्ष वैध एवं व्यवस्थित आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बावजूद समय रहते निस्तारण नहीं होने पर ग्रामीणों को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के कार्यकाल में लगभग 20 वर्ष पूर्व झीकरी को ग्राम पंचायत घोषित किया गया था, लेकिन कुछ कारणों से उस समय यह अमल में नहीं आ सका। 21 नवंबर 2025 को राजपत्र में ग्राम पंचायतों के नवसृजन संबंधी अधिसूचना प्रकाशित की गई, जिसमें ग्रामीणों की आपत्तियों को अनदेखा करते हुए पंचायतों का गठन कर दिया गया, जो पूरी तरह से झीकरी वासियों के हितों के विरुद्ध है। जायज मांग की अनदेखी से आहत ग्रामीणों का कहना है कि वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनकी समस्या का निष्पक्ष और शीघ्र समाधान किया जाए, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा।

Tags:    

Similar News