दो ग्राम पंचायत प्रशासकों पर हाईकोर्ट का समान आदेश, एक ने संभाला पद, दूसरी अब भी इंतजार में

Update: 2025-08-14 10:56 GMT
दो  ग्राम पंचायत प्रशासकों पर हाईकोर्ट का समान आदेश, एक ने संभाला पद, दूसरी अब भी इंतजार में
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जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब)। बेई ग्राम पंचायत की निलंबित प्रशासक फौरी देवी मीणा ने गुरुवार को उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेश (क्रमांक CW14753/2025) के बाद पुनः कार्यभार संभाल लिया। ग्राम विकास अधिकारी सविता मीणा ने उन्हें पद ग्रहण करवाया। तीन माह पूर्व राज्य सरकार ने प्रशासनिक कारणों से फौरी देवी को निलंबित कर दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने निलंबन निरस्त कर तत्काल पदभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए।

उधर, पड़ेर ग्राम पंचायत की प्रशासक ममता जाट के मामले में भी 4 जुलाई को हाईकोर्ट का इसी तरह का आदेश आया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे चुनौती दी, जिसके चलते वे अब तक कार्यभार नहीं संभाल पाई हैं। आंदोलन और उनके पति मुकेश जाट द्वारा टावर पर चढ़कर विरोध जताने के बावजूद स्थिति यथावत बनी हुई है।

समान परिस्थितियों और एक जैसे आदेश के बावजूद एक प्रशासक को तुरंत पदभार दिलाए जाने और दूसरी को अब भी प्रतीक्षा कराने को लेकर क्षेत्र में चर्चा है। कई लोगों का कहना है कि यह जातिगत भेदभाव का मामला है—फौरी देवी मीणा जाति से होने के कारण उन्हें तुरंत पदभार दिला दिया गया, जबकि ममता जाट को यह अवसर नहीं मिला।

निलंबन और कानूनी लड़ाई

उधर शक्करगढ़ सवाददाता के अनुसार करीब तीन महीने पहले राज्य सरकार ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर फौरी देवी मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इस निर्णय को चुनौती देते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिका दायर की। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने निलंबन आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें तत्काल कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए।

पदभार ग्रहण पर उमड़ा जनसमूह

गुरुवार को बेइ ग्राम पंचायत कार्यालय में हुए औपचारिक कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कानावत, शक्करगढ़ कांग्रेस मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण सेन, स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता और सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे। जैसे ही फौरी देवी ने अपने पद पर बैठकर हस्ताक्षर किए, पूरे परिसर में जयकारों और तालियों की गूंज सुनाई दी। ग्रामीणों ने फूलमालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया और मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।

स्थानीय राजनीति में नई हलचल

फौरी देवी के पुनः पदभार ग्रहण से स्थानीय राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह फैसला न केवल ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर असर डालेगा, बल्कि आगामी पंचायत चुनावों में भी समीकरण बदल सकता है। कांग्रेस के धीरज गुर्जर समर्थक गुट के लिए यह मनोबल बढ़ाने वाली घटना मानी जा रही है।

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