बनेड़ा में होता है अनोखा रावण दहन ! रावण की निकाली गई सवारी फिर श्मशान में हुआ रावण दहन

By :  vijay
Update: 2024-10-13 10:05 GMT

बनेड़ा ( केके भण्डारी ) अनोखा रावण दहन ! प्रदेश का एक ऐसा गांव जहां निकाली जाती है रावण की सवारी, फिर श्मशान में होता है रावण दहन । दशहरे के अवसर पर सब जगह जहां रावण बनता हैं उसी स्थान पर उसे जलाया जाता है ।

लेकिन राजस्थान में भीलवाड़ा के बनेड़ा कस्बे में रावण के पुतले की सवारी को जुलूस के रुप में निकाला जाता हैं फिर श्मशान घाट में होता है दहन । इस तरह पूरे प्रदेश में अनोखा होता है बनेड़ा का रावण दहन ।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अखाड़ा प्रदर्शन व ढोल-नगाड़ों के साथ युवा शक्ति द्वारा दिन में नाचते-गाते जुलूस के रुप में ठेठ श्मशान घाट तक रावण का जुलूस निकाला गया ।

ऐसे होता है रावण दहन कार्यक्रम-

राजपाल सिंह ने बताया कि ग्राम वासी शाम 4 बजे खारिया कुंड से रावण के पुतले के साथ जुलूस के रूप में रवाना होकर चोखी बावड़ी, मुख्य बाजार, बस स्टैंड से होते हुए अखाड़ा प्रदर्शन करते हुए देर शाम को श्मशान घाट तक पहुंचे फिर वहाँ रावण के पुतले का दहन राम के प्रतीक बने बच्चों द्वारा किया गया । इस मौके पर भव्य आतिशबाजी भी की गई । थाना अधिकारी हीरालाल के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने शांति व्यवस्थाएं बनाई रखी ।

दशहरा कमेटी के अरविंद अजमेरा (बल्लू) ने बताया कि यह परंपरा लगभग 45-50 वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही है जो उनके दादाजी स्व. रामस्वरूप जी अजमेरा ने अपने मित्रों के साथ मिलकर शुरू की और पूरे भारत वर्ष में सिर्फ बनेड़ा में ही इस तरह की सवारी निकाली जाती हैं ।

किशनसिंह ने बताया की रावण का पुतला बनेड़ा के स्थानीय कारीगरों द्वारा ही बनाया जाता हैं । सभी ग्राम वासियों का इसमें सहयोग रहता हैं ।

बनेड़ा के जो लोग नौकरी , व्यवसाय , शिक्षा या किसी भी वजह से बाहर रहते हैं वे भी दशहरे के दिन यहाँ अवश्य आते हैं इस प्रकार यह बनेड़ा का प्रमुख व विशेष त्यौहार बन चुका हैं ।

रावण के पुतले के निर्माण के लिए स्थानीय कलाकार कमल सोनी अपनी टीम के साथ वरिष्ठ सदस्यों की निगरानी में कुछ दिन पहले से ही दिन रात इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं ।

इसी तरह रावण जुलूस में अखाड़ा प्रदर्शन के लिए भी युवा दिन-रात अभ्यास की तैयारी करते हैं ।

दशहरे के इस मौके पर शस्त्र पूजन का आयोजन भी किया गया ।

Similar News