जिन नौ जिलों को भजनलाल सरकार ने खत्म किया, वहां से कलेक्टर और एसपी भी हटाए जाएंगे

Update: 2024-12-28 21:29 GMT


नवगठित जिलों को समाप्त करने का भजनलाल सरकार का निर्णय उन जिलों में तैनात कलेक्टर और एसपी पर भी भारी पड़ गया। जिन नौ जिलों को समाप्त किया गया है, उनमें से छह में कलेक्टर-एसपी नियुक्त हैं, जिनकी तैनाती भजनलाल सरकार में ही की गई थी

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने शनिवार को बड़ा निर्णय लेते हुए गहलोत सरकार में नवगठित 17 जिलों में से  शाहपुरा सहित नौ को समाप्त करने की घोषणा कर दी। इसकी अधिसूचना संभवत: सोमवार तक जारी कर दी जाएगी। लेकिन अब इन जिलों में तैनात कलेक्टर और एसपी भी इस आदेश की जद में आ गए हैं।

बता दें कि जिन नौ जिलों को समाप्त करने की घोषणा की गई है, उनमें से दूदू, जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण को छोड़कर शेष छह जिले जिनमें नीमकाथाना, शाहपुरा, केकड़ी, अनूपगढ़, सांचौर और गंगापुर सिटी शामिल है, में कलेक्टर और एसपी की तैनाती इसी भजनलाल सरकार के कार्यकाल में हुई थी। हालांकि, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने जब नए जिले बनाने का एलान किया था, उसके एक दिन बाद प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई थी। इसलिए इन जिलों का संचालन नई सरकार में आने के बाद शुरू हुआ।

इन जिलों में हटेंगे कलेक्टर एसपी

अनूपगढ़- यहां कलेक्टर अवधेश मीणा हैं और एसपी रमेश मोर्य हैं।

केकड़ी- यहां कलेक्टर के पद पर श्वेता चौहान को लगा रखा है। लेकिन यहां एसपी की तैनाती नहीं है। लेकिन अजमेर एसपी वंदिता राणा को यहां का एडिश्नल चार्ज दे रखा है।

शाहपुरा- यहां जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह को लगा रखा है और एसपी का चार्ज भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र को दिया हुआ है।

सांचौर- यहां जिला कलेक्टर शक्ति सिंह को लगाया हुआ है। वहीं, जालौर एसपी का चार्ज ज्ञानचंद यादव को दिया हुआ है।

गंगापुर सिटी- यहां कलेक्टर गौरव सैनी हैं और सवाई माधोपुर एसपी ममता गुप्ता को यहां का एडिश्नल चार्ज दिया हुआ है।

नीमकाथाना- यहां कलेक्टर शरद मैहरा को लगाया हुआ है, जबकि सीकर एसपी भवन भूषण यादव को यहां का चार्ज दिया हुआ है।

नाम बदलना और जिलों को हटाना ही राजस्थान की भाजपा सरकार की उपलब्धि : धर्मेंद्र राठौड़

राजस्थान में विकास विरोधी भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक कारणों से नौ जिले एवं तीन संभाग हटाए गए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है और इसलिए माननीय गहलोत जी ने स्थानीय सेवाओं में लोगों की मदद करने तथा गरीब को गणेश मानकर अंतिम छोर तक के व्यक्ति को भी लाभ मिले, इसी उद्धेश्य से बिना किसी राजनीतिक लाभ के जनता से प्राप्त प्रतिवेदनों के आधार पर नए जिले एवं संभाग बनाए थे। इस बदलाव से लोगों के लिए घर के पास ही काम जल्दी से जल्दी करवाना आसान हो गया।

भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान छोटे जिलों का समर्थन किया था और प्रतापगढ़ का निर्माण दिखाता है कि भाजपा छोटी प्रशासनिक इकाइयों को महत्व देती है। वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा इन जिलों को हटाए जाने से लोगों के लिए प्रशासनिक केंद्रों तक उनकी यात्रा की दूरी में बढ़ोतरी होने के कारण स्थानीय सेवाओं पर निर्भर निवासियों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है।

माननीय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न केवल जिलों की घोषणा की, बल्कि वहां कलेक्टर, एसपी समेत तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों की नियुक्ति दी एवं हर जिले को संसाधनों के लिए बजट भी दिया। हम भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के कारण लिए गए निर्णय की कड़ी निंदा करते हैं एवं इस अदूरदर्शी फैसले को वापस लेने एवं जिलों तथा संभाग को यथावत रखने की मांग करते हैं।

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