सभी जिला मुख्यालयों पर कोविड, स्वाईन फ़्लूू ओपीडी और आईपीडी वार्ड बनाने के निर्देश
जयपुर। श्वसन रोग (इन्फ्लूएन्जा/ स्वाईन फ्लू/ कोविड) से बचाव व नियंत्रण को लेकर राजस्थान सरकार अलर्ट मोड पर है। हेल्थ डायरेक्टर डॉ रवि प्रकार माथुर ने निर्देश जारी किए है। यह निर्देश प्रदेश के सभी प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, राजकीय मेडिकल कॉलेज, सभी सीएमएचओ, सभी पीएमओ और सभी अस्पताल अधीक्षकों को दिए गए है।
जिसमें बताया है कि वर्ष 2024 में माह जनवरी से मार्च तक स्वाईन फ्लू के 939 केस एवं कोविड के 921 केस रिपोर्ट हुए थे। ऐसे में वर्तमान में सर्दी के मौसम में श्वसन रोगों (इन्फ्लूएन्जा / स्वाईन फ्लू/कोविड) के प्रसार की सम्भावना के दृष्टिगत बचाव, नियंत्रण, जांच, उपचार व प्रसार प्रचार आदि किया जाना है।
यह दिए गए है निर्देश…
स्वाईन फ्लू/ कोविड-19 ओपीडी — स्वाईन फ्लू/कोविड-19 सम्भावित आईएलआई लक्षण वाले रोगियों के लिये अस्पताल में पृथक ओपीडी बनाना सुनिश्चित करें। ताकि सम्भावित स्वाईन फ्लू/कोविड-19 रोगी को चिकित्सकीय परामर्श में आसानी रहे, रोग का प्रसार नहीं हो तथा रोगी की पर्ची पर स्वाईन फ्लू/कोविड 19 क्लीनिक की सील लगा कर दी जाएं।
हाई रिस्क ग्रुप – विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं, शिशु, वृद्धजन एवं गम्भीर रोग से ग्रसित रोगियो में लक्षण होने पर विशेष ध्यान रखा जाएं।
दवा की उपलब्धता — समस्त चिकित्सा संस्थानों पर समुचित मात्रा में ऑस्लटामिवीर आदि दवा की उपलब्धता का ध्यान रखा जाएं।
वीटीएम की उपलब्धता — जिला अस्पतालों, सेटेलाईट अस्पतालों एवं सब डिवीजनल अस्पतालों में वी.टी.एम., मास्क व पीपीई किट उपलब्ध रहें।
सैम्पल कलेक्शन – जिला अस्पतालों, सेटेलाईट अस्पतालों, सब डिवीजनल अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.पी.डी. समय में सैम्पल कलेक्शन की व्यवस्था की जाएं।
आइसोलेशन वार्ड – स्वाईन फ्लू/कोविड 19 के मरीजों के उपचार हेतु जिला अस्पतालो, सब डिविजन अस्पतालो, सैटेलाइट अस्पतालो, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बेड मय आवश्यक उपकरण एवं स्टाफ आरक्षित कर आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएं।
आईसीयू — जिले में स्वाईन फ्लू/ कोविड-19 के मरीजो के लिए आईसीयू में आवश्यक उपकरण बेडस एवं वेन्टीलेटर की व्यवस्था की जाएं।
जांच सुविधा — समस्त मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों, सेटेलाईट अस्पतालों एवं सब डिवीजनल अस्पतालों में चिकित्सक के परामर्श के पश्चात् मरीजो को स्वाईन फ्लू/कोविड-19 का सैंपल कलेक्शन / निःशुल्क जांच सुविधा की उपलब्धता हो। स्वाईन फ्लू की जांच वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में हो रही है एवं जो जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में क्रमोन्नत हो गए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए स्वाईन फ्लू के केटेगरी / नियमानुसार सैम्पल कलेक्शन एवं जांच की व्यवस्था की जाएं।
जीनॉम सिकवेन्सी — कोविड-19 पॉजिटिव केसेज की जीनॉम सिकवेन्सी के लिए सैंपल एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर, कोटा मेडिकल कॉलेज एवं जोधपुर मेडिकल कॉलेज में भिजवाया जाएं।
वेन्टीलेटर — अस्पताल में वेन्टीलेटर की क्रियाशील, संबंधित स्टाफ का प्रशिक्षण एवं न्यायसंगत उपयोग में लिया जाएं।
रेफरल व्यवस्था – रोगी की गम्भीर अवस्था होने की स्थिति में क्रिटिकल केयर के लिए जिला/मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 108 के माध्यम से तुरन्त निःशुल्क रेफर करने की व्यवस्था की जाएं।
प्रचार-प्रसार – रोग की रोकथाम बचाव नियंत्रण एवं उपचार हेतु आईईसी कोर्नर बनाना सुनिश्चित करें तथा प्रतीक्षा कक्ष में एलईडी टीवी एवं स्क्रोलिग मेसेज द्वारा मौसमी बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम सन्देश प्रसारित करवायें। स्वाईन फ्लू केटेगरी, उनका उपचार एवं हाई रिस्क संबंधित जानकारी स्वाईन फ्लू ओ.पी. डी. रजिस्ट्रेशन कक्ष में समीप, चिकित्सक कक्ष के भीतर एवं बाहर लगावे।
पल्स ऑक्सीमीटर – स्वाईन फ्लू क्लीनिक में सर्दी-खांसी, बुखार के मरीजों की परीक्षण उपरान्त पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा जांच करें व इसका रिकॉर्ड कीपिंग की व्यवस्था की जाये। इसके लिये आवश्यक हो तो चिकित्सक के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगायें। स्क्रीनिंग के दौरान मरीजों का पूर्ण विवरण (नाम, पत्ता, मोबाईल नम्बर आदि) रजिस्टर में संधारण किया जाये जिसके माध्यम से मरीजों का फॉलोअप किया जाएं। मरीजों को स्वाईन फ्लू की जानकारी के लिए उन्हें पेम्पलेट वितरित किए जाएं।