सोप थाना प्रभारी सिंह पर हमले का मामला-: एएसपी को सौंपा ज्ञापन, शाहपुरा थाना प्रभारी पर राजनैतिक प्रभाव में आकर अपराधियों को बचाने के लगाये आरोप, गिरफ्तारी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

By :  prem kumar
Update: 2025-03-03 10:29 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। टोंक जिले के सोप थाना प्रभारी और शाहपुरा निवासी देवेंद्र सिंह पर हमले को लेकर सेवानिवृत पुलिसकर्मी एवं क्षत्रिय समाज शाहपुरा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सोमवार को ज्ञापन दिया, जिसमें शाहपुरा पुलिस पर राजनैतिक प्रभाव और दबाव में आकर अपराधियों को बचाने के आरोप लगाये हैं। साथ ही चेतावनी दी गई कि सात दिन में मामले की निष्पक्ष जांच व कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जायेगा।

ज्ञापन में बताया गया है कि पुलिस थाना सीप जिला टोंक में पद स्थापित पुलिस उप निरिक्षक देवेन्द्रसिह राठौड भीलवाड़ा न्यायालय में पेशी के लिए 20 फरवरी को निजी वाहन से रात में अपने शाहपुरा आवास पर लौटे। इसी दौरान एक कार आर जे 51 सी.ए. 5112 में चार-पांच व्याक्ति बैठकर आये और पुलिस उप निरीक्षक देवेन्द्रसिह राठौड एवं उनकी पत्नी संतोष कंवर के साथ घर के बाहर अभद्र गाली गलौज करते हुऐ गंभीर मारपीट की । इस संबंध में शाहपुरा थाना प्रभारी को 20 फरवरी को रिपोर्ट दी थी, लेकिन थाना प्रभारी ने राजनैतिक दबाव के चलते और अपराधियों को बचाने के लिए यह रिर्पोट दर्ज नहीं कर कोई कार्रवाई नहीं की। बार बार कहने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर उच्चाधिकारीयो के निर्देश पर28 फरवरी 2025 को प्राथमिकी दर्ज की गई । यह शाहपुरा थाना अधिकारी की उदासिनता को दर्शाता है जबकि परिवादी के द्वारा घटना के दिन ही उक्त घटना में संलिप्त कार के नम्बर लिखवा दिये गये थे, मगर पुलिस प्रशासन द्वारा आस पडौस में लगे सी.सी.टी.वी केमरे भी चैक नहीं किये न ही घटना स्थल के आस-पास के लोगों के बयान लिये। ज्ञापन में बताया गया है कि राजकीय सेवा में कार्यरत पुलिस अधिकारी व उनकी पत्नी के साथ रात्री मे इस प्रकार की घटना से पुरे समाज एवं आस पडौस के व्यक्ति एवं अन्य सेवानिवृत पुलिस कर्मी की सुरक्षा पर भी एक प्रश्नचिन्ह अंकित करता है ओर ऐसे अपराधियों को दण्डित नहीं किया जाता है तो समाज में ऐसे अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और आमजन में अपराधियों का डर बना रहेगा। इस प्रकार एक पुलिस उप निरिक्षक एवं उनकी पत्नी के साथ गभीर मारपीट होने पर एवं एक ही विभाग होने के बावजूद अनुसंधान के नाम पर लिपापोती की जा रही है । ं पुलिस राजनैतिक प्रभाव, दबाव में आकर अपराधियों को बचाने में लगी यदि अपराधियो के साथ कोई कठोर कार्यवाही नहीं की जाती है तो समाज को उग्र आदोलन का रूख अपनाना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।ज्ञापन में अपराधियो के खिलाफ सात दिवस में निष्पक्ष जांच कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई। ज्ञापन की प्रति रेंज आईजी, जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई।  

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