माली समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन: मोबाईल को लेकर आ रही विकृतियों पर उठी आवाज, सांसद से लेकर समाज के लोगों ने सावचेत रहने की दी सलाह
भीलवाड़ा (राजकुमार माली) । उप नगर पुर में माली समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में जहां 21 जोड़े जीवनसाथी बने वहीं आधुनिक यंत्र मोबाईल को लेकर भी एक बहस चल पड़ी। ये मोबाईल वैसे तो सुविधा के लिए है लेकिन पिछले कुछ सालों से यह सामाजिक कुरीतियों को भी बढ़ावा दे रहा है और इससे युवक युवती भटक भी रहे है। इसी मुद्देे पर सांसद से लेकर आम आदमी ने अभिभावकों को सावचेत रहने के साथ ही युवाओं को इसका सही उपयोग करने की भी सलाह दी है।
सांसद दामोदर अग्रवाल ने आशीर्वाद समारोह में मोबाईल को लेकर खरी-खरी कही। उन्होंने कहा कि यह विकास का रास्ता भी दिखाता है और गलत उपयोग करने पर भटका देता है और इस तरह के कई उदाहरण आज देखने को मिल रहे है। उन्होंने बिजयनगर की घटना को भी इससे जोड़ते हुए कहा कि पहले लोग मोबाईल से युवतियों को प्रलोभन देते है, ऊंचे ख्वाव दिखाते है और फिर उन्हें बाहर बेच देते है। ऐसे में युवतियों को सावचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि बेटे बेटियों को उच्च शिक्षा की ओर ध्यान दें और मोबाईल से भटकें नहीं । उन्हें भविष्य सुधारने के लिए शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
भीलवाड़ा भाजपा जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा ने कहा कि आज शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की भी जरूरत है उन्होंने कहा कि समाज के बड़े बुजुर्गों और अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखने की आवश्यकता है कि उनकी बेटी और बेटियां कहां जा रहे हैं क्या कर रहे हैं
राष्ट्रीय स्वयं सेवक के चित्तोड़ प्रांत के पदाधिकारी शंकरलाल माली ने मोबाइल को लेकर युवाओं को जागरूक रहने का आव्हान तो किया ही साथ ही उन्होंने कहा कि आजकल अभिभावकों को अंधेरे में रखकर समाज के साथ-साथ युवतियां परिवार का नाम भी खराब कर रही है। उन्होंने एक भीलवाड़ा की स्कूल का नाम लेते हुए कहा कि परिजन छात्रा को स्कूल गेट तक छोड़ जाते है लेकिन वह स्कूल में नहीं जाकर ....
उन्होंने कहा कि समाज में आ रही कुरीतियों के लिए समाज के जिम्मेदार लोगों को आगे आने की जरूरत है। इस संबंध में भीलवाड़ा हलचल ने भी अपने लाइव कार्यक्रम के दौरान उनसे इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने साफ कहा कि सबसे पहले परिवार को ध्यान रखना पड़ेगा और इसके बाद समाज के लोगों को भी नव युवक युवतियों पर निगाह रखनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता होने पर ही मोबाईल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। लाइव क्लास हो तो मोबाईल की जरूरत है लेकिन देखने में यह आता है कि रात्रि में परिवार के लोग सो जाते है और बच्चे मोबाईल पर अवांछनीय रील और अन्य प्रोग्राम देखते है।
माली महासभा के प्रदेश महामंत्री गोपाल बूलीवाल ने भी इस मामले में बेबाक बात रखते हुए हलचल के लाइव कार्यक्रम में कहा कि आज समाज के युवाओं में आ रहे भटकाव को रोकने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है और इसके लिए माली समाज के विभिन्न संगठनों और उनके पदाधिकारियों को आगे आकर मोबाईल से पनप रही बीमारियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में शिक्षा की कमी है जिसे भी दूर करने की जरूरत है ताकि भटकाव रूक सके।
पुर माली विकास सेवा संस्थान के अध्यक्ष भैरूलाल माली ने भी समाज में आ रहे भटकाव को लेकर कहा कि आज गुमराह हो रही युवतियों को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। उनका कहना था कि वे पढ़ लिखकर आगे बढे, न कि किसी के बहकावे में आकर अपने परिजनों को छोड़कर दूसरे समाज के लड़कों के लिए घर छोड़ जायें। इससे उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है सिर्फ मिलेगी तो परिवार को बदनामी।
केकड़ी से आये माली समाज के कैलाश का कहना था कि हमारे यहां समाज में कई कदम उठाये है। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल दाढी और कट लगाकर आने वाले दूल्हों की संख्या बढी है लेकिन केकड़ी में इस तरह का कोई दूल्हा आता है तो उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाईल एक बड़ी बीमारी बन गई है और समाज और रिश्तों को दीमक की तरह खा रही है। इस पर समाज के लोगों को ही निगाह रखकर रोक लगानी होगी।
केकड़ी के ही एक अन्य व्यक्ति का कहना था कि मोबाईल अच्छी चीज है लेकिन इसका उपयोग विकास के लिए होना चाहिए न कि समाज और परिवार के विनाश के लिये। समाज के अन्य लोगों ने भी मोबाईल के दुष्परिणामों को लेकर नाराजगी जताई और पंच पटेलों को आगे आकर समाज में आ रहे बिखराव को रोकने और राजनीति के रास्ते पर आगे बढऩे की बात कही।
कुछ लोगों ने तो समाज के कारोबार को लेकर भी ध्यान देने की बात कही है ताकि इसको लेकर भी जो चर्चाएं आने लगी है उस पर अंकुश लग सके और समाज पर कलंक लगने से बच सके।